दिल्ली आबकारी नीति मामला: सुप्रीम कोर्ट ने राघव मगुंटा की अंतरिम जमानत की अवधि घटाई

दिल्ली आबकारी नीति मामला: सुप्रीम कोर्ट ने राघव मगुंटा की अंतरिम जमानत की अवधि घटाई
Delhi liquor policy case: SC cuts short interim bail granted by HC to Raghav Magunta
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे राघव मगुंटा को 15 दिन की अंतरिम जमानत देने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश में संशोधन किया। न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अवकाश पीठ ने राघव को दी गई जमानत को रद्द नहीं किया, हालांकि इसकी अवधि घटाकर पांच दिन कर दी है। उसने उसे 22 जून की बजाय 12 जून को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा।

शुरुआत में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस.वी. राजू ने दलील दी कि अंतरिम जमानत राघव की जेल से बाहर रहने की एक चाल थी। राजू ने कहा कि उनकी नियमित जमानत को एक विशेष अदालत ने खारिज कर दिया था और फिर उन्होंने अंतरिम जमानत का प्रयास किया, जहां उन्होंने अपनी पत्नी की बीमारी का हवाला दिया। लेकिन जैसे ही उच्च न्यायालय ने मामले में मूल्यांकन का आदेश दिया, उन्होंने अपना आवेदन वापस ले लिया। राजू ने तर्क दिया कि अब उसने नानी के लिए अंतरिम जमानत के लिए अर्जी दी है, और जोर देकर कहा कि वह सिर्फ गिर गई थी और यह गंभीर नहीं है, उनकी देखभाल के लिए लोग हैं।

राघव का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने तर्क दिया कि उनकी बीमारी को ईडी ने ही सत्यापित किया था। राजू ने जोर देकर कहा कि उच्च न्यायालय में यह प्रदर्शित किया गया था कि उसकी दादी अस्पताल में थीं, हालांकि रिकॉर्ड के अनुसार, उसकी दादी का पहले ही निधन हो चुका था। देसाई ने कहा कि उनके मुवक्किल ने कभी किसी और का दावा नहीं किया, और उनकी नानी बहुत बूढ़ी हैं और उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। सुनवाई के दौरान राजू ने कहा कि बाथरूम में गिरना एक चलन बन गया है और सत्येंद्र जैन के बाथरूम में गिरने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ये अंतरिम जमानत पाने के टोटके हैं क्योंकि राघव को नियमित जमानत नहीं मिल सकी।

दोनों पक्षों को सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने कहा कि राघव की रिहाई का उद्देश्य 12 जून तक पूरा किया जा सकता है। पीठ ने कहा, हम उसके अनुसार आदेश में सशोधन कर रहे हैं और निर्देश देते हैं कि अंतरिम जमानत 12 जून तक होगी क्योंकि उन्हें 7 जून को ही रिहा किया जा चुका है। शीर्ष अदालत उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ ईडी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। ईडी ने उन्हें दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में फरवरी 2023 में गिरफ्तार किया था। उच्च न्यायालय ने बुधवार को मगुनता को यह देखते हुए अंतरिम जमानत दे दी कि उनकी नानी अस्पताल में भर्ती हैं। मगुन्टा दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में धन शोधन के आरोपी हैं।

ट्रायल कोर्ट ने पहले यह कहते हुए अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था कि इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि आरोपी पर धन शोधन का मुकदमा चलाया जा रहा है जो एक गंभीर आर्थिक अपराध है। सीबीआई और ईडी आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मगुंटा और अन्य के खिलाफ मामले की जांच कर रहे हैं, जिसमें दावा किया गया है कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं बरती गई थीं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया था। इस मामले में आरोपी सिसोदिया फिलहाल जेल में हैं। दिल्ली सरकार ने नवंबर 2021 में आबकारी नीति लागू की, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद सितंबर 2022 के अंत में इसे खत्म कर दिया।

(आईएएनएस)

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   9 Jun 2023 11:20 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story