प्रदूषण के दुष्परिणामों से बचने को पर्यावरण अनुकूल आचरण अनिवार्य : सीएम योगी

प्रदूषण के दुष्परिणामों से बचने को पर्यावरण अनुकूल आचरण अनिवार्य : सीएम योगी
Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath. (File Photo: IANS)
डिजिटल डेस्क, गोरखपुर। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्यावरण के प्रत्येक क्षेत्र में दिख रहे प्रदूषण पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण पर नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार अपने स्तर पर गंभीर प्रयास कर रही है, पर इसके साथ ही प्रदूषण के घातक दुष्परिणामों से बचने के लिए हर व्यक्ति को पर्यावरण अनुकूल आचरण अनिवार्य रूप से करना होगा।

सीएम योगी सोमवार को वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की तरफ से आयोजित विश्व पर्यावरण दिवस समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित रेस फॉर लाइफ सर्कुलर इकोनॉमी एवं लोकल क्लाइमेट एक्शन विषयक कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस के आयोजन की शुरुआत के साथ पर्यावरण संकट पर चिंता 51 वर्ष पूर्व से की जा रही है। 51 वर्षो की आर्थिक विकास यात्रा में पर्यावरण कहां छूट गया, यह चिंतनीय है।

उन्होंने कहा, पर्यावरण पृथ्वी, जल, वायु, पेड़-पौध सबका समन्वित रूप है। हम सबकी रचना भी पंचतत्वों के इर्दगिर्द हुई है। हमारा जीवन चक्र व सृष्टि एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, लेकिन हमने सृष्टि के तत्वों जल, वायु को प्रदूषित किया। इसका खामियाजा हमें विभिन्न प्रकार की बीमारियों के रूप में भुगतना पड़ रहा है। लोगों की कमाई का बड़ा हिस्सा इन बीमारियों के उपचार पर खर्च हो जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा, भारतीय मनीषा के मंत्र इस बात के प्रमाण हैं कि हमारे पूर्वजों ने सृष्टि के प्रत्येक वस्तु के कल्याण की बात की है। कल्याण मतलब कोई भी वस्तु प्रदूषित न होने पाए। पहले हम यज्ञ करते थे, घर-घर हवन होता था। इन सबको तिलांजलि देकर हमनें ऐसी जीवन पद्धति अपना ली जो आज हमारे लिए ही घातक हो गई।

उन्होंने कहा कि पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ करने का दुष्परिणाम प्रदेश के कुछ हिस्सों में सितंबर-अक्टूबर की असमय बाढ़ या दिल्ली में नवंबर-दिसंबर के स्मॉग के रूप में सामने है। दिल्ली में तो ऐसा संकट होता है कि लोगों को श्वांस लेने, आंखें खोलने में दिक्कत होने लगती है। उद्योगों को बंद करना पड़ता है। कभी सूखा तो कभी अतिवृष्टि से अन्न का संकट भी खड़ा हो सकता है।

सीएम ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन कम कर पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से सरकार पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा को प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए शहर ही नहीं, गांवों में एलईडी लाइट की व्यवस्था की जा रही है। एलईडी कार्बन उत्सर्जन कम करने का माध्यम बन रहा है। इसी तरह सोलर पावर को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

सीएम योगी ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नमामि गंगे प्रोजेक्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि आज प्रयागराज, काशी में गंगा जी का जल स्वच्छ व अविरल हो गया है। लोग प्रसन्नता से इसका आचमन व स्नान कर रहे हैं। जबकि पहले लोग प्रयागराज कुंभ में आचमन, स्नान नहीं कर पाते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण के लिए ही पीएम मोदी के मार्गदर्शन में आजादी के अमृत महोत्सव में गांव-गांव अमृत सरोवर बन रहे हैं। उन्होंने ग्राम प्रधानों से तालाबों के संरक्षण और उनके चारों तरफ पौधरोपण का आह्वान भी किया। साथ ही हर घर नल योजना में भी पानी की बर्बादी रोकने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस का ध्येय वाक्य है- सॉल्यूशन फॉर प्लास्टिक पॉल्यूशन। प्रदेश में इसे 2018 में ही बैन कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल पाप के समान है। फेंके गए प्लास्टिक को गाय खाकर मर जाती हैं, तो गोमाता की हत्या का पाप लगता है। कभी नष्ट न होने से यह प्लास्टिक धरती मां के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालती है।

मुख्यमंत्री ने प्लास्टिक से पर्यावरण के संरक्षण के लिए सिक्स आर का मंत्र दिया। उन्होंने रिड्यूस, रियूज, रिसाइकल, रिकवर, रिफैब्रिकेट और रिपेयर के फार्मूले को अपनाने की अपील की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में चलाए जाने वाले वन महोत्सव की जानकारी भी साझा की। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने 35 करोड़ पौधरोपण का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में कम से कम एक-एक हजार पौधरोपण होना चाहिए। यदि सभी ग्राम पंचायत और नगर निकाय इस लक्ष्य को अपना लें तो छह करोड़ पौधरोपण इनके द्वारा ही हो जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 करोड़ की आबादी वाले राज्य में 35 करोड़ पौधरोपण कोई चुनौती नहीं है। हर व्यक्ति एक पौधा लगाए तो 25 करोड़ पौधरोपण अपने आप दिखेगा। मुख्यमंत्री ने पौधे लगाने के साथ उनकी रक्षा का दायित्व लेने की भी अपील की। इसका महत्व बताते हुए कहा कि वन आच्छादित क्षेत्र में तापमान 5 से 6 डिग्री कम रहता है और भीषण गर्मी से राहत मिलती है। उन्होंने पौधरोपण में पीपल, बरगद, पाकड़, नीम, जामुन, देसी आम जैसे पारंपरिक वृक्षों को प्राथमिकता देने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री के साथ सभी ग्राम पंचायतों व नगर निकायों में लाइफ प्रतिज्ञा :

विश्व पर्यावरण दिवस समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी 58000 ग्राम पंचायतों व 762 नगर निकायों में पर्यावरण संरक्षण के लिए ऑनलाइन माध्यम से शपथ (लाइफ प्रतिज्ञा) दिलाई। गोरखपुर जनपद के प्रधान, निकाय प्रतिनिधि कार्यक्रम स्थल पर मौजूद रहे तो अन्य सभी ग्राम प्रधान, नगर पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका अध्यक्ष, महापौर व ग्राम पंचायतों, नगर निकायों से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों ने ऑनलाइन जुड़कर पर्यावरण अनुकूल व्यवहार खुद करने तथा इसके लिए दूसरों को प्रेरित करने की शपथ ली।

कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित वन विभाग की पुस्तिकाओं, फोल्डर व एनिमेशन फिल्म का विमोचन किया। समारोह को संबोधित करने से पहले उन्होंने वन विभाग, वन निगम, नगर निगम एवं अन्य विभागों, स्वयंसेवी संस्थाओं की तरफ से लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया। प्लाटिक मुक्ति के लिए कपड़े का बैग देने वाली वेंडिंग मशीन का लोकार्पण किया और मशीन देखकर प्रसन्नता जताई। स्टॉल के पास सैंड आर्टिस्ट रमेश ने सीएम योगी का रेत से रंगीन चित्र उकेरा था।

(आईएएनएस)

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   5 Jun 2023 8:57 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story