लोकसभा चुनाव 2024: 'शक्ति' वाले बयान पर हमलावर बीजेपी- 'हिम्मत है तो राहुल गांधी दूसरे धर्मों पर करके दिखाएं ऐसी टिप्पणी'
- राहुल के शक्ति वाले बयान पर गरमाई सियासत
- कांग्रेस नेता के बयान पर बीजेपी हुई हमलावर
- बताया हिंदू विरोधी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अपनी भारत जोड़ो यात्रा के समापन पर मुंबई में राहुल गांधी ने शक्ति को लेकर बयान दिया था। उनके इस बयान पर सियासत गरमागई है। सत्ताधारी बीजेपी कांग्रेस नेता की इस टिप्पणी को लेकर उन पर चौतरफा हमलावर है। सोमवार को दक्षिणी भारतीय राज्य कर्नाटक में आयोजित एक चुनावी रैली के दौरान पीएम मोदी ने भी इस बयान को लेकर राहुल गांधी और इंडिया गठबंधन पर जमकर निशाना साधा था। पीएम के बाद अब बीजेपी ने भी ऑफिशियल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल गांधी को हिंदू विरोधी करार देते हुए उन्हें दूसरे धर्मों पर ऐसी टिप्पणी करने की चुनौती दे डाली है।
बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "राहुल गांधी ने कल हिंदू संस्कृति का अपमान किया। हमें लगा कि उनको अपनी गलती का एहसास होगा। लेकिन एक दिन बाद भी बयान को सुधारने की कोई कोशिश नहीं की गई है। उनके मंडली के प्रवक्ता उनकी टिप्पणी में अर्थ ढूंढ रहे थे और इसे उचित ठहराने का प्रयास कर रहे थे।"
उन्होंने आगे कहा, "कांग्रेस पार्टी अब महात्मा गांधी की प्रेरणा से बनी कांग्रेस पार्टी नहीं रही। राहुल गांधी के नेतृत्व में यह विभाजनकारी सोच, माओवादी सोच और हिंदू विरोधी सोच को लेकर चलती है। राहुल गांधी पूरी तरह से इन तत्वों के बहकावे में हैं। राहुल गांधी, ऐसे अपमानजनक शब्दों का प्रयोग आप किसी अन्य आस्था के बारे में कर सकते हैं। आपकी हिम्मत है? क्या आपको करने दिया जाएगा?"
रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी को चुनावी हिंदू करार देते हुए कहा कि कांग्रेस नेता को चुनाव के समय हिंदूओं की याद आती है। शक्ति को लेकर टिप्पणी करके उन्होंने पूरे देश का अपमान किया है। बीजेपी सांसद ने कहा कि राहुल गांधी का कहना है कि हिंदू धर्म में शक्ति की कल्पना से हम डर रहे हैं। भारत की देवी शक्ति दुर्गा हैं, काली हैं. देवी शक्ति की प्रेरणा हैं। राहुल का बयान बताता है कि हिंदू धर्म से नफरत को लेकर उनमें और उनकी सहयोगी पार्टी डीएमके के नेता चाहे वो स्टालिन हों या ए राजा कोई अंतर नहीं है।
क्या था राहुल का बयान?
दरअसल, भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समापन पर मुंबई के शिवाजी पार्क में आयोजित इंडिया गठबंधन की रैली में राहुल ने कहा था, ‘‘हिन्दू धर्म में शक्ति शब्द होता है. हम शक्ति से लड़ रहे हैं। एक शक्ति से लड़ रहे हैं। अब सवाल उठता है कि वह शक्ति क्या है? जैसे किसी ने यहां कहा कि राजा की आत्मा ईवीएम में है. सही है। सही है कि राजा की आत्मा ईवीएम में है। हिंदुस्तान की हर संस्था में है। ईडी में है, सीबीआई में है इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में है।" कांग्रेस नेता ने आगे कहा था, ‘‘और ये एक नहीं हैं। ऐसे हजारों लोग डराए गए हैं। क्या आप सोचते हो कि शिवसेना के लोग, राकांपा के लोग ऐसे ही चले गए (भाजपा में)। नहीं। जिस शक्ति की मैं बात कर रहा हूं। उन्होंने उनका गला पकड़कर उनको भाजपा की ओर किया है और वह सब डरकर गए हैं।''
पीएम मोदी ने किया पलटवार
राहुल के् इस बयान को बीजेपी ने हिंदू धर्म का अपमान बताते हुए उन पर जमकर हमले किए। पीएम मोदी ने कर्नाटक की एक रैली में इस बयान को लेकर राहुल गांधी और इंडिया गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा, ''कल मुंबई में इंडी गठबंधन की तरफ से एक खुला ऐलान किया गया है। वे लोग हिंदू धर्म में समाहित शक्ति को समाप्त करना चाहते हैं। हिंदू समाज जिन्हें शक्ति मानता है, उस शक्ति के विनाश का उन्होंने ऐलान कर दिया है। अगर शक्ति विनाश का उनका ऐलान है तो शक्ति उपासना का मेरा भी ऐलान है।''
उन्होंने आगे कहा, "मैं जब सार्वजनिक जीवन में आया। जब मैंने अपने समय का पल-पल और शरीर का कण-कण लोगों की सेवा के लिए समर्पित करने का संकल्प लिया तो मुझे इसी शक्ति ने ऊर्जा दी। आज भी मैं शक्ति की उपासना करता हूं, देश के कोटि-कोटि लोग हिंदू धर्म की इस शक्ति के उपासक हैं। मेरे लिए देश की नारी शक्ति, इसी शक्ति का प्रतिबिंब है।"
राहुल गांधी ने दी सफाई
पीएम मोदी के हमले के बाद राहुल ने अपने बयान को लेकर सफाई दी। उन्होंने कहा पीएम मोदी पर उनके बयान को घुमाफिरा कर पेश करने का आरोप लगाया। राहुल ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, "पीएम को मेरी बातें अच्छी नहीं लगतीं, वो किसी-न-किसी तरह से बातों को घुमाकर उनका हमेशा अर्थ बदलने की कोशिश करते हैं, क्योंकि वो जानते हैं कि मैंने एक सच्चाई बोली है। जिस शक्ति का मैंने जिक्र किया, जिस शक्ति से हम लड़ रहे हैं, उस शक्ति का मुखौटा पीएम हैं।"
कांग्रेस सांसद ने आगे लिखा, "वह एक ऐसी शक्ति हैं, जिसने आज भारत की आवाज को, भारत की संस्थाओं को, सीबीआई, आईटी, ईडी, चुनाव आयोग , मीडिया, भारत के उद्योग जगत और भारत के समूचे संवैधानिक ढांचे को ही अपने चंगुल में दबोच लिया है। उसी शक्ति के लिए पीएम भारत के बैंकों से हजारों करोड़ के कर्ज माफ कराते हैं, जबकि भारत का किसान कुछ हजार रुपयों का कर्ज न चुका पाने पर आत्महत्या कर लेता हैं।"
Created On :   19 March 2024 2:42 PM GMT