ओडिशा सियासत: BJD के प्रतिनिधिमंडल की चुनाव आयोग के साथ हुई मीटिंग, तीन मुद्दों पर की चर्चा
- बीजेडी और चुनाव आयोग की मुलाकात
- बीजेडी के प्रतिनिधिमंडल ने तीन मुद्दों पर की चर्चा
- बीजेडी प्रवक्ता अमर पटनायक ने दी जानकारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ओडिशा की बीजू जनता दल (बीजेडी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को भारतीय चुनाव आयोग के साथ मीटिंग की। इस दौरान बीजेडी ने लोकसभा चुनाव और ओडिशा विधानसभा चुनाव के दौरान वोटों के अंतर सहित तीन मुद्दों पर चर्चा की।
चुनाव आयोग और बीजेडी प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात
चुनाव आयोग और बीजेडी प्रतिनिधिमंडल की मीटिंग के बाद बीजेडी प्रवक्ता अमर पटनायक ने मीडिया से बातचीत कर जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि हमने चुनाव आयोग के सामने कुछ मुद्दे उठाए हैं। हमने चुनाव और चुनाव प्रक्रिया से संबंधित सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा प्रस्तुत किए, जो उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध है। चूंकि ओडिशा में एक साथ चुनाव हुए थे, इसलिए हमें निर्वाचन क्षेत्रवार डेटा भी प्राप्त हुआ, जिसकी हमने तुलना की। इसके आधार पर हमने चुनाव आयोग के समक्ष तीन मुद्दे उठाए। हम चुनाव आयोग पर सवाल नहीं उठा रहे हैं। हम बस यह कहना चाहते हैं कि जो हमने मुद्दे उठाए हैं उसकी जांच की जाए। चुनाव आयोग ने आश्वासन दिया है कि वह जांच करेंगे और इसके बाद फिर बैठक करेंगे।
इस दौरान बीजेडी प्रवक्ता ने ईवीएम हैकिंग पर भी पार्टी की बात रखी। उन्होंने कहा कि हमने ईवीएम हैकिंग के बारे में कुछ नहीं कहा। हमने अपनी याचिका में कहीं भी 'हैकिंग' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। हमने हैकिंग को लेकर कोई उंगली नहीं उठाई। हमने बताया कि ईवीएम में गलती थी और आंकड़ों में गड़बड़ी थी। हमें समझ नहीं आया कि ऐसा क्यों हुआ, लेकिन ऐसा देखा गया। हमने चुनाव आयोग से इस मुद्दे को स्पष्ट करने का अनुरोध किया। हम इस समय ईवीएम हैकिंग पर बात नहीं कर रहे हैं। एक बार चुनाव आयोग जवाब दे और स्पष्टीकरण दे, हम इसकी समीक्षा करेंगे और निर्णय लेंगे। बूथ लेवल पर हमने कुछ दस्तावेज भी मांगे हैं। सभी का रिव्यू करने के बाद पार्टी एक फैसला लेगी।
बैठक के दौरान बीजेडी ने तीन मुद्दों पर की चर्चा
इसके अलावा मीडिया ने अमर पटनायक से कांग्रेस के चुनाव हारने पर ईवीए हैकिंग का राग अलापना और ओडिशा विधानसभा चुनाव होने के 6 महीने बाद बीजेडी की चुनाव आयोग से मुलाकात करने पर सवाल पूछा । इस पर उन्होंने कहा है कि मुझे नहीं पता है कि जिस तरह से हमने चुनाव आयोग को डाटा दिया है, उन्होंने भी दिया है या नहीं। हमें छह महीने का वक्त इसलिए लगा, क्योंकि डाटा इकठ्ठा करने में समय लगता है। चुनाव में हमारा वोटिंग प्रतिशत भाजपा से ज्यादा है। चुनाव के बाद हमारे सामने जो परिणाम आए। इसके बाद हम बूथ स्तर पर डाटा इकट्ठा कर रहे थे।
Created On :   24 Dec 2024 1:37 AM IST