हार के बाद बड़ा बदलाव: मध्य प्रदेश कांग्रेस में परिवर्तन, दिग्गज नेताओं की जगह युवा चेहरे को मिला मौका, समझें इसके सियासी मायने

मध्य प्रदेश कांग्रेस में परिवर्तन, दिग्गज नेताओं की जगह युवा चेहरे को मिला मौका, समझें इसके सियासी मायने
  • जीतू पटवारी बने मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
  • नेता प्रतिपक्ष बने उमंग सिंगार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव हारने के बाद प्रदेश में कांग्रेस ने बड़े बदलाव किए हैं। पार्टी आलाकमान ने जीतू पटवारी को बतौर प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। साथ ही, उमंग सिंगार विधानसभा के लिए नेता प्रतिपक्ष चुन लिए गए हैं। इसके अलावा हेमंत कटारे उप नेता प्रतिपक्ष की कमान संभालते हुए नजर आएंगे। मध्य प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ कांग्रेस की ओर से बड़े चेहरे के तौर पर देखे जाते रहे हैं। ऐसे में पार्टी ने इन दोनों नेताओं को साइडलाइन कर नए चेहरे को मौका दिया है। जिसके अब कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

जीतू पटवारी पर कांग्रेस की रणनीति

कांग्रेस नेता जीतू पटवारी प्रदेश में पार्टी की ओर से फायरब्रांड नेता के तौर पर जाने जाते हैं। 49 वर्षीय जीतू पटवारी राज्य में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी नेताओं में से एक हैं। पटवारी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ नजर आए थे। कांग्रेस पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर मालवा रीजन में अपनी खोई जमीन पर वापसी करने की कोशिश में है। पटवारी ओबीसी समाज से आते हैं। पटवारी 2013 में पहली बार राऊ सीट से विधायक चुने गए थे। वे मध्य प्रदेश यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इस बार के चुनाव में पटवारी राऊ सीट से बीजेपी के मधु वर्मा से हार गए। हालांकि, 2018 के चुनाव में जीतू पटवारी ने मधु वर्मा को 5703 वोट से हराया था। इस दौरान वे कमलनाथ सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री भी रहे थे। बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय भी इंदौर से आते हैं। राऊ विधानसभा सीट भी इंदौर के पास ही है। ऐसे में कांग्रेस ने जीतू पटवारी को बड़ा मौका देकर इस क्षेत्र में अपनी पैठ बनाने की कोशिश की है। पटवारी प्रदेश में एक ऐसे नेता के तौर पर भी जाने जाते हैं, जिनका न तो दिग्विजय गुट और न ही कमलनाथ गुट से कोई लेना देना है।

उमंग सिंघार पर कांग्रेस का सियासी दांव

आदिवासी समुदाय से आने वाले उमंग सिंघार को कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष चुनकर कई मायनों में बड़ा सियासी दांव खेला है। वे आदिवासी नेता के तौर पर जाने जाते हैं। साथ ही, वे गंधवानी सीट से चौथी बार विधायक के तौर चुने गए हैं। बीजेपी ने इस बार कांग्रेस को सबसे ज्यादा मालवा रीजन में नुकसान पहुंचाया है। साथ ही, सिंघार मालवा रीजन के बड़े नेता माने जाते हैं। इस रीजन को आदिवासी बहुल इलाका माना जाता है। ऐसे में कांग्रेस ने सिंघार को नेता प्रतिपक्ष चुनकर बड़ा दांव खेला है। उमंग सिंघार दो बार लोकसभा प्रत्याशी रह चुके हैं। साथ ही, वे कमलनाथ सरकार में मंत्री भी रहे हैं। इसके अलावा वे कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव भी रहे हैं। उमंग सिंघार राज्य के एक मात्र महिला पूर्व उप मुख्यमंत्री जमुना देवी के भतीजे हैं।

हमेंत कटारे से कांग्रेस को आस

ग्वालियर-चबंल संभाग के बड़े नेताओं में से एक हेमंत कटारे को कांग्रेस ने उप नेता प्रतिपक्ष बनाया है। ब्राह्मण समाज से आने वाले कटारे ने इस बार के चुनाव में भिंड जिले के अटेर विधानसभा सीट से चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं। उनकी जीत कई मायनों में खास है। क्योंकि, इस बार के चुनाव में उन्होंने शिवराज सरकार में मंत्री रहे अरविंद भदौरिया को हरा कर विधायक बने हैं। उनके दिवंगत पिता सत्यदेव कटारे भी कांग्रेस के बडे़ नेताओं में से एक रहे और वे भी नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं।

Created On :   16 Dec 2023 9:18 PM IST

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