रक्षा मंत्री ने कई मुद्दों पर रखी बात: 'मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान हमें PoK लौटाएगा', राजनाथ सिंह ने भारत-बांग्लादेश संबंधों समेत कई मुद्दों पर की चर्चा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को बांग्लादेश, सेना में महिलाओं की भागीदारी, पीओके समेत कई मुद्दों पर विचार साझा किए। उन्होंने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से भारत और बांग्लादेश के रिश्तों पर विचार साझा किए। उन्होंने कहा, "भारत हमेशा अपने पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश करता है, अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम अपने दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं बदल सकते।"
बांग्लादेश से संबंधों पर की चर्चा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बांग्लादेश हमारा महत्वपूर्ण पड़ोसी है, इसलिए हमें उसके साथ मजबूत रिश्ते बनाए रखने चाहिए।" बता दें कि यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।
इस दौरान रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का निर्णय सोच-समझकर लिया गया है। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी की यह प्रबल इच्छा थी कि भारतीय सेना में महिलाओं को और अधिक अवसर मिले। अगर प्राचीन भारत की महिलाओं ने युद्धों में बहादुरी दिखाई थी, तो आज की महिलाएं क्यों नहीं? आज महिलाएं खेल, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं, तो उन्हें सेना में भी समान भागीदारी मिलनी चाहिए।"
पीओके के मुद्दे पर दी प्रतिक्रिया
इसके बाद राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर सख्त प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान हमें PoK लौटाएगा। मुझे विश्वास है कि PoK के लोग खुद ही भारत में विलय की मांग करेंगे। भारत की तेज आर्थिक प्रगति और बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा को देखकर PoK के लोगों को एहसास हो रहा है कि उनका असली विकास भारत का हिस्सा बनने में ही है। पाकिस्तान को इसे स्वीकार करना ही पड़ेगा।"
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वक्फ बोर्ड पर भी बात रखी। उन्होंने कहा, "जहां तक हमारी सरकार का सवाल है, मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि हम जाति, धर्म या आस्था के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं। जैसा कि आपने खुद बताया है, वक्फ बोर्ड की कई संपत्तियां हैं जिनका उपयोग मुस्लिम समुदाय के लाभ के लिए नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा, जिन उद्देश्यों के लिए वक्फ बोर्ड की स्थापना की गई थी, वे भी पूरे नहीं हो रहे हैं। इसलिए, हमारी सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के लिए भारतीय संसद में एक संशोधन विधेयक पेश किया है। मुझे विश्वास है कि यह विधेयक संसद के दोनों सदनों में पारित हो जाएगा और इसे पारित होना भी चाहिए।"
परिसीमन को लेकर दिया बयान
इसके अलावा राजनाथ सिंह ने परिसीमन पर भी बातचीत की। उन्होंने कहा, "परिसीमन की अनुमति दी जानी चाहिए। अगर एमके स्टालिन को कोई आपत्ति है, तो वह उसे उठाने के लिए स्वतंत्र हैं। संबंधित अधिकारी इस मामले पर विचार-विमर्श करेंगे और न्याय व्यवस्था अंतिम निर्णय लेगी। देश के लोगों को आश्वस्त रहना चाहिए कि हर राज्य में, चाहे वह विधानसभा के लिए हो या लोकसभा के लिए, सीटों की संख्या स्वाभाविक रूप से बढ़ेगी। मेरा दृढ़ विश्वास है कि तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल में भी सीटें बढ़ेंगी। इसलिए, यह दावा करना कि केवल उत्तर भारत में सीटों में वृद्धि होगी और दक्षिण भारत में नहीं, उचित नहीं है।"
इस दौरान एक राष्ट्र एक चुनाव पर कहा, "यह बहुत पहले हो जाना चाहिए था. इस मामले में काफी देरी हुई है। इसके लिए पीएम मोदी साधुवाद के पात्र हैं कि उन्होंने फैसला किया है कि यह बिल लाया जाना चाहिए। एक राष्ट्र एक चुनाव का सिलसिला प्रारंभ होना चाहिए. इससे लाखों करोड़ों रुपये की भारी बचत होगी।"
वन नेशन वन इलेक्शन पर की चर्चा
रक्षा मंत्री ने एक राष्ट्र एक चुनाव पर कहा, "यह बहुत पहले हो जाना चाहिए था। इस मामले में काफी देरी हुई है। इसके लिए पीएम मोदी साधुवाद के पात्र हैं कि उन्होंने फैसला किया है कि यह बिल लाया जाना चाहिए। एक राष्ट्र एक चुनाव का सिलसिला प्रारंभ होना चाहिए। इससे लाखों करोड़ों रुपये की भारी बचत होगी।"
राजनाथ सिंह ने महाकुंभ में शामिल न होने वाले विपक्षी नेताओं पर कहा, "परमात्मा उन्हें भी सद्बुद्धि दे। मैं समझता हूं भारत की प्राचीन परंपराओं और संस्कृति के प्रति सभी की आस्था होनी चाहिए।"
दिल्ली में महिला सृमद्धि योजना पर दी प्रतिक्रिया
दिल्ली सरकार की 'महिला समृद्धि योजना' पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, मैं चुनावी वादों को पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार को धन्यवाद देता हूं। राजनीतिक दलों को अपनी घोषणाओं पर कायम रहना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा कि विश्वसनीयता की कमी से जनता का भरोसा टूटता है। बीजेपी ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो अपने वादों को पूरा करती है।
गौरतलब है कि राजनाथ सिंह वे अपने बयान से भारत की रक्षा, कूटनीति, राजनीति और प्रशासन से जुड़े कई अहम पहलुओं को साफ कर दिया हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार इन मुद्दों पर आगे क्या ठोस कदम उठाती है।
Created On :   8 March 2025 9:16 PM IST