कार में डल गया गलत फ्यूल? हम बताते हैं कि क्या करें
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कार में गलत फ्यूल डाल देने की समस्या कोई नई बात नहीं है। पिछले साल, कर्नाटक के एक विधायक गलत फ्यूल डाले जाने के शिकार बन गए। फ्यूल अटेंडेंट ने उनकी पेट्रोल इंजन वाली कार Volvo XC90 Hybrid में डीजल डाल दिया। ऐसी गलतियां हो जाती हैं और कार ओनर्स को फ्यूल भरवाते वक्त ज्यादा सतर्क रहना चाहिए। फिर भी यदि ऐसी गलती किसी से हो जाए तो आपको क्या करना चाहिए हम आपको बताते हैं।
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घबराएं नहीं
मॉडर्न ईंजन में गलत फ्यूल जाने से वो ज्यादा दिक्कत कर सकते हैं। अगर आपने पहचान लिया है कि कार में गलत फ्यूल डाल दिया गया है, तो सबसे पहले गाड़ी को स्टार्ट मत कीजिये। गाड़ी को वहीं रहने दीजिये या फिर उसे धक्का देकर साइड में कीजिये। फिर किसी से मदद मांगिये ताकि आप अपनी कार सर्विस सेंटर तक पहुंचा सकें। सर्विस सेंटर पूरे फ्यूल को टैंक और इंजन से निकाल इंजन को डैमेज होने से बचा लेते हैं। लेकिन अगर आपको पता नहीं है की कार में गलत फ्यूल है और गाड़ी चलाने लगे तो क्या?
पेट्रोल कार में डीजल होने के चिन्ह: डीजल पेट्रोल के मुकाबले ज्यादा गाढ़ा होता है। इसके चलते ये पेट्रोल कार के फ्यूल फिल्टर में चिपक जाता है और फ्यूल लाइन को जाम कर देता है। ऐसे मामलों में, आप देखेंगे की टैंक में पर्याप्त फ्यूल होने के बावजूद इंजन बंद हो जाएगा। लेकिन यदि डीजल, इंजन में पहुंच जाता है और स्पार्क प्लग उसे जलाने की कोशिश करता है तो एग्जॉस्ट से गहरा सफेद धुंआ निकलेगा। डीजल आसानी से नहीं जलता उसे जलाने से पहले प्रेशराइज करना पड़ता है। थोड़े धक्के खाने के बाद इंजन बंद हो जाता है।
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डीजल कार में पेट्रोल होने के चिन्ह: डीजल इंजन पेट्रोल जितने सरल नहीं होते। वो दबाव वाले फ्यूल को सिलिंडर के अन्दर जलाने के लिए भेजने के लिए पेचीदा मैकेनिकल्स का इस्तेमाल करते हैं। पेट्रोल आसानी से जल जाता है और डीजल इंजन के पेचीदा होने के चलते आप इस बात को जल्दी नोटिस नहीं कर पायेंगे। इंजन कुछ किलोमीटर के बाद ही गहरा काल धुआं छोड़ने लगता है। डीजल इंजन में स्पार्क प्लग नहीं होता और पेट्रोल बिना आग के नहीं जलता। और अगर आप कार को फिर भी चलाने की कोशिश करते रहेंगे तो इंजन कुछ समय के बाद बंद हो जाएगा।
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क्या इसे खुद से सही किया जा सकता है?
अगर आप अपनी गलती को पहचान कर समय रहते इंजन बंद कर दें तो इंजन को पूरी तरह से बचाया जा सकता है। ऐसे मामलों में मैकेनिक फ्यूल टैंक को खाली कर देते हैं और फ्यूल लाइन को अच्छे से साफ करते हैं। अगर फ्यूल इंजन तक पहुंच गया है तो वो इंजन खोलकर उसे पूरी तरह से साफ भी करते हैं। सफाई के दौरान इंजन चलाना भी पड़ता है ताकि पिस्टन के अन्दर पहुंचा फ्यूल बाहर निकल आये।
फ्यूल फिल्टर और स्पार्क प्लग जैसे पार्ट्स को बदलना पड़ता है। डीजल इंजन में इंजन के नीचे लगा इंजन ड्रेन प्लग इस बात को सुनिश्चित करता है की फ्यूल पूरी तरह से बाहर निकल जाए। इसे साफ करने के बाद आपको सही फ्यूल से टैंक भरना होगा और एडीटिव डालना सही होगा ताकि इंजन बचे हुए गलत फ्यूल से भी मुक्त हो जाए।
Created On :   3 Jun 2018 10:36 AM IST