भारत के बढ़ते कदम, गणतंत्र दिवस पर दिखेगा 10 का दम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत दुनिया की उभरती हुई शक्तियों में से एक है और कुछ खास मौके होते हैं जब भारत का दम पूरी दुनिया देखती है। इस बार गणतंत्र दिवस पर कुछ ऐसा ही होने जा रहा है, जहां आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्ष राजपथ पर अतिथि के तौर पर दिखाई देंगे। इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर होने वाली परेड में आसियान के 10 मुख्य देशों के प्रमुखों को पीएम नरेंद्र मोदी ने आमंत्रित किया है। इसी के ही साथ समारोह में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे। पीएम मोदी ने कहा, ‘हम अपने साझा मूल्यों और साझी नियति को लेकर भारत आसियान संबंधों की 25वीं वर्षगांठ संयुक्त रूप से मना रहे हैं। इस मौके पर कई गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। मैं 25 जनवरी 2018 को भारत-आसियान स्मृति शिखर सम्मेलन में आपके स्वागत को लेकर उत्सुक हूं।’
थाईलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, म्यांमार, कंबोडिया, लाओस और ब्रुनेई आसियान के मुख्य सदस्य देश हैं।
125 crore Indians are looking forward to welcoming @ASEAN leaders to India in January 2018. The presence of ASEAN leaders during our Republic Day celebrations next year is a matter of immense joy for every Indian. pic.twitter.com/dgyyZ3bhud
— Narendra Modi (@narendramodi) November 14, 2017
पीएम मोदी ने आरसीईपी की बैठक में लिया भाग
क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) में 10 आसियान सदस्य देश और 6 देश भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड हैं। यह सभी देश आपस में मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने मंगलवार को अपनी यात्रा के आखिरी दिन आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में नियम आधारित क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचा की पुरजोर वकालत की। पीएम मोदी की इस अपील ने यह दिखा दिया है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन को हावी नहीं होने दिया जाएगा। इस मामले से निपटने के लिए भारत, अमेरिका और जापान जैसे बड़े देशों के बीच बढ़ता तालमेल एक अच्छा सूचक है।
(68वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी)
आसियान सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि इस क्षेत्र के सामने आतंकवाद और उग्रवाद एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए क्षेत्र के देशों के हाथ मिलाने का समय आ गया है। पीएम ने कहा कि भारत इस क्षेत्र में नियमों आधारित एक सुरक्षा व्यवस्था ढांचे के लिए आसियान को अपना समर्थन जारी रखेगा। उनके इस कथन को दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते सैन्य दखल के संदर्भ में देखा जा रहा है। चीन के रुख से क्षेत्र के अनेक देश चिंतित हैं।
वहीं आसियान के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत बनाने का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘भारत और आसियान देशों के बीच समुद्री संपर्क हजारों सालों पहले स्थापित हुआ। इससे हमारा पूर्व में व्यापार संबंध रहा। हमें इसे और मजबूत बनाने के लिए साथ मिलकर काम करना है।’
Created On :   15 Nov 2017 8:46 AM IST