कासगंज हिंसा : सोशल मीडिया पर फैली थी मौत की अफवाह, शख्स ने कहा- 'मैं जिंदा हूं'

Kasganj Violence Rahul Upadhyay alive and says I was not present there during riots
कासगंज हिंसा : सोशल मीडिया पर फैली थी मौत की अफवाह, शख्स ने कहा- 'मैं जिंदा हूं'
कासगंज हिंसा : सोशल मीडिया पर फैली थी मौत की अफवाह, शख्स ने कहा- 'मैं जिंदा हूं'

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तरप्रदेश के कासगंज में रिपब्लिक डे पर भड़की हिंसा में चंदन गुप्ता नाम के शख्स की मौत हो गई थी। इसके साथ ही इस हिंसा में राहुल उपाध्याय नाम के एक और शख्स की मौत की अफवाह सोशल मीडिया पर फैली थी। इन अफवाहों के बीच राहुल उपाध्याय खुद मीडिया के सामने आया और साफ किया कि वो बिल्कुल ठीक है और जिंदा है।


मैं ठीक हूं और जिंदा हूं : राहुल उपाध्याय

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कासगंज में सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद सोशल मीडिया पर राहुल उपाध्याय की मौत की खबर वायरल हो रही थी। अब खुद राहुल ने इन अफवाहों का खंडन किया है और कहा है कि हिंसा के वक्त वो कासगंज में नहीं बल्कि अपने गांव में थे। राहुल ने मीडिया को बताया कि "मुझे इस बात का पता तब चला, जब कुछ लोगों के मेरे पास फोन कॉल्स आने लगे और मेरे सलामती के बारे में पूछने लगे। शुरुआत में तो मुझे ये सब मजाक लगा, लेकिन जब बाद में लोगों ने मेरी मौत से जुड़े स्क्रीनशॉट्स भेजने लगे तो मुझे लगा कि गड़बड़ है।" राहुल ने बताया कि इसके बाद उन्होंने पुलिस स्टेशन पहुंचकर अपने जिंदा होने का सबूत दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी मौत की खबर को झूठा बताते हुए कहा कि "हिंसा वाले दिन वो कासगंज में नहीं बल्कि अपने गांव में था। मैं बिल्कुल ठीक हूं और जिंदा हूं।"

कुछ लोग दंगा भड़काने की कोशिश कर रहे थे

राहुल उपाध्याय के सामने आने के बाद पुलिस ने भी राहत की सांस ली है। अलीगढ़ के आईजी संजीव गुप्ता ने मीडिया को बताया कि "हम लोग काफी हैरान थे, क्योंकि जहां हिंसा हुई, वहां इस नाम का कोई भी शख्स नहीं रहता था। कुछ लोग अफवाह फैलाकर दंगा भड़काने की कोशिश कर रहे थे।" उन्होंने बताया कि हमने ही राहुल को मीडिया से बात करने और अपने बारे में बताने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा कि उम्मीद है राहुल के सामने आने के बाद लोग इन अफवाहों पर ध्यान नहीं देंगे।

26 जनवरी को कासगंज में हुई थी हिंसा

26 जनवरी यानी रिपब्लिक डे पर यूपी के कासगंज जिले के कोतवाली इलाके में बिलराम गेट चौराहे पर विश्व हिंदू परिषद और एबीवीपी वर्कर्स बाइक से "तिरंगा यात्रा" निकाल रहे थे। इस दौरान नारेबाजी को लेकर समुदाय विशेष के लोगों से बहस हो गई। ये बहस इतनी बढ़ गई कि दोनों तरफ से फायरिंग और पत्थरबाजी शुरू हो गई। इस फायरिंग चंदन गुप्ता नाम के शख्स की गोली लगने से मौत हो गई। इसके बाद कासगंज में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई और यहां पर तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं सामने आ रही हैं। रविवार (28 जनवरी) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कासगंज हिंसा में मारे गए चंदन गुप्ता के परिवार वालों को 20 लाख रुपए का मुआवजा देने का एलान किया था। 

Created On :   30 Jan 2018 1:18 PM IST

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