Year Ender 2024: वायनाड लैंडस्लाइड से लेकर रेमल तूफान तक, इस साल भारत ने किया कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना

वायनाड लैंडस्लाइड से लेकर रेमल तूफान तक, इस साल भारत ने किया कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना
  • 2024 भारत के लिए प्राकृतिक आपदाओं का साल रहा
  • देश ने कई खतरनाक चक्रवात बाढ़ जैसी आपदाओं का सामना किया
  • देश के कई राज्यों में हुआ जानमाल का नुकसान

डिजिटल डेस्क, भोपाल। साल 2024 की विदाई होने वाली है और दुनिया नए साल का वेलकम करने के लिए तैयार है। इस साल के कुछ आखिरी दिन बचे हैं। ऐसे में आइए बात करते हैं इस साल की कुछ घटनाओं की। 2024 भारत के लिए प्राकृतिक आपदाओं का साल रहा। इस साल देश ने कई खतरनाक चक्रवात, भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाओं का सामना किया। इन घटनाओं ने आर्थिक रूप से हानि तो पहुंचाई ही, साथ ही कई लोगों की जान भी ले ली। हजारों लोग के घर उजड़ गए, जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। आइए जानते हैं भारत में इस साल हुई सबसे भयानक प्राकृतिक आपदाओं के बारे में ....

वायनाड लैंडस्लाइड

केरल के वायनाड जिले में 30 जुलाई को भूस्खलन हुआ, जिसमें 400 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवां दीं। 397 लोग घायल हुए और 47 लोग लापता हो गए। जानकारी के मुताबिक लापता हुए इन लोगों का अभी भी कुछ पता नहीं लग पाया है। इसके साथ ही 1500 से ज्यादा घर तबाह हो गए जबकि हजारों लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हो गए।

तूफान रेमल

तूफान रेमल 2024 का पहला तूफान था। यह 26 मई को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के सुंदरबन डेल्टा इलाके में आया था। इसकी वजह से 33 लोगों की मौत हो गई थी। देश के बंगाल, मिजोरम, असम और मेघालय इस तूफान ने भारी तबाही मचाई। इस दौरान जानमाल को काफी नुकसान पहुंचा।

फेंगल तूफान

फेंगल तूफान ने 30 नवंबर को पुडुचेरी के पास दस्तक दी थी। इस तूफान से कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई थी। इस तूफान की वजह से तटीय इलाकों में भारी बारिश हुई थी, जिसके चलते जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया था। पुडुचेरी मे ही 46 सेंटीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई थी जिससे सड़कें और खेतों में बाढ़ आ गई थी। तमिलनाडु के विलुप्पुरम जिले में भी भारी नुकसान हुआ।

विजयवाड़ा बाढ़

31 अगस्त से 9 सितंबर तक विजयवाड़ा में भारी बारिश हुई, जिसकी वजह से नदियां उफना गई। इस बाढ़ में 45 लोगों की जान चली गई और 2.7 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए। बुदमेरू रिवेलेट और कृष्णा नदी के पानी से निचले इलाके डूब गए। इस दौरान राहत कार्यों में भी बड़ी मुश्किलें आईं।

हिमाचल प्रदेश और असम बाढ़

जून से अगस्त तक हिमाचल प्रदेश ने प्राकृतिक ने प्राकृतिक आपदाओं का दंश झेला। यहां 51 बार बादल फटे और बाढ़ आई। जिसमें 31 लोगों की जान चली गई, वहीं 33 लोग लापता हो गए। सबसे ज्यादा नुकसान लाहौल और स्पीति जिले में हुआ। इस दौरान 121 घर नष्ट हो गए। इस आपदा से राज्य को करीब 1,140 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

वहीं, बात करें तो असम की तो यहां हर साल की तरह इस साल भी भयंकर बाढ़ आई। जिससे 117 लोगों की मौत हुई। असम में 2019 से लेकर अब तक बाढ़ में करीब 900 लोगों की मौत हो चुकी है। बाढ़ की वजह से यहां के लोगों की जिंदगियां पूरी तरह से बर्बाद हो गईं और उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

यह भी पढ़े -ये साल रहा हॉरर कॉमेडी के नाम, फिल्म मुंज्या से लेकर फिल्म स्त्री 2 तक इन फिल्मों ने किया लोगों को जमकर एंटरटेन

Created On :   16 Dec 2024 8:32 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story