CAA लागू: कौन हैं मतुआ समुदाय के लोग, जो सीएए लागू होने को बता रहे हैं दूसरा स्वतंत्रता दिवस

कौन हैं मतुआ समुदाय के लोग, जो सीएए लागू होने को बता रहे हैं दूसरा स्वतंत्रता दिवस
  • देशभर में लागू हुआ सीएए
  • लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र ने लिया बड़ा फैसला
  • सीएए लागू होने से मतुआ समुदाय मना रहे हैं खुशी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA लागू हो गया है। केंद्र सरकार ने सोमवार को CAA के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया। जिसके बाद देश में CAA पूर्ण रूप से लागू हो गया है। केंद्र सरकार इसे ऐतिहासिक कदम बता रही है। वहीं, विपक्ष इसे केंद्र सरकार की नई रणनीति बता रही है। साथ ही, विपक्ष के नेता लगातार CAA लागू होने के लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि, विपक्षी नेता ममता बनर्जी के राज्य में CAA लागू होने के बाद वहां के मतुआ समुदाय के लोग काफी खुश नजर आ रहे हैं। समुदाय का कहना है कि यह उनके लिए दूसरा स्वतंत्रता दिवस है। सीएए लागू होने के बाद देश के हर कोने से प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में लोगों ने भी सीएए लागू होने के बाद अपनी खुशी का इजहार किया। ऐसे में आइए जानते हैं कि मतुआ समुदाय ने सीएए कानून लागू होने के बाद आखिर अपनी खुशी जाहिर क्यों की है? साथ ही, ये सभी लोगों आज के दिन को दूसरा स्वतंत्रता क्यों बता रहे हैं।

कौन हैं मतुआ समुदाय?

मतुआ समुदाय पहले पूर्वी पाकिस्तान यानी आज के बंग्लादेश में रहते थे। लेकिन भारत-पाकिस्तान विभाजन और बंग्लादेश निर्माण के दौरान इस समुदाय के लोग पश्चिम बंगाल में रहने लगे। लगभग 30 लाख आबादी वाले यह समुदाय नादिया और बांग्लादेश की सीमा से लगे पश्चिम बंगाल के उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिले में रहते हैं। पश्चिम बंगाल की 30 से अधिक विधानसभा सीट पर इनका प्रभाव है।

मतुआ समुदाय हिंदू धर्म का एक कमजोर समुदाय है। 1960 के आसपास मतुआ समुदाय के लोग भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में आना शुरू हुए थे। इस दौरान हिंदु धर्म की जाति प्रथा को यह समुदाय चुनौती दे रहा था। इस समुदाय की शुरुआत हरिचंद्र ठाकुर ने की थी। हरिचंद्र ठाकुर प्रभाव मतुआ समुदाय पर इस कदर छाया कि इस समाज के लोगों ने इन्हें ही भगवान मानने लगे थे।

सीएए लागू

गौरतलब है कि सीएए लागू होने के चलते अब बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए प्रवासियों को भारतीय नागरिकता का दर्जा दिया जाएगा। इनमें गैर-मुस्लिम, हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई लोग शामिल हैं।

Created On :   11 March 2024 11:21 PM IST

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