हाथरस हादसा: भक्तों को छोड़कर 'भगवान' आखिर कहां गए? क्यों है 'भगवान' का फोन स्विच ऑफ? हादसे के बाद सवालों से घिरे 'भोले बाबा'
- कहां गए भगवान अपने भक्तों को छोड़कर
- बाबा ने फोन स्विच ऑफ होने से पहले क्या किया
- बाबा की हिस्ट्री
- बाबा के खिलाफ कानूनी अपराध
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जादुई पानी से भक्तों के दुख दूर करने वाले बाबा आखिर कहां दूर चले गए हैं? बाबा के 121 भक्तों की जान चली गई है और उनके 'भगवान' का पता नहीं चल रहा है कि कहां गए। उत्तर प्रदेश के हाथरस घटना से देश की आंखें नम हो गई हैं। सड़कों पर पड़ी लाशें देखकर सबका दिल दहल गया है। इस घटना में ना जाने कितने लोगों के परिवार उजड़ गए, कितने बच्चे अनाथ हो गए। ऐसे में सवाल ये उठता है कि इसका जिम्मेदार है कौन? प्रशासन या सूरजपाल सिंह उर्फ नारायण साकार उर्फ भोले बाबा। हाथरस सत्संग हादसे में अब तक 121 जानें जा चुकी हैं और करीब 35 लोगों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है। ऐसे में हैरानी वाली बात ये है कि जिसको भक्त अपना भगवान समझते थे, वो खुद ही उनको छोड़कर भाग गए। अब प्रश्न ये उठते हैं कि वह भगवान खुद कहां फरार हो गया है।
हादसे के बाद अचानक फरार हुआ बाबा
2 जुलाई, मंगलवार दोपहर 1 बजकर 40 मिनट पर भोले बाबा घटनास्थल से निकला और दोपहर 2 बजकर 48 मिनट पर आयोजक देव प्रकाश दुबे से बातचीत की। जिसमें ऐसा माना जा रहा है कि मधुकर ने ही बाबा को हादसे की जानकारी दी। इसके बाद बाबा ने मधुकर से 2 मिनट 17 सेकंड तक बात की। उसके बाद बाबा की लोकेशन 3 बजे से लेकर 4 बजकर 35 मिनट तक मैनपुरी की मिली। उसने इस बीच तीन नंबरों पर बात की। कॉल डिटेल में पहला नंबर महेश चंद्र का सामने आया है। इनसे बाबा ने 3 मिनट तक बात की। इसके बाद दूसरा नंबर संजय यादव का सामने आया है। इनसे बाबा ने 40 सेकंड बात की।
भक्तों को छोड़कर 'भगवान' का फोन स्विच ऑफ
तीसरा नंबर रंजना का सामने आया है। इनसे बाबा ने 11 मिनट 33 सेकंड बात की। रंजना आयोजक देव प्रकाश की पत्नी है। सूत्रों से पता चला है हाथरस हादसे के बाद देव ने शायद रंजना के फोन से ही बाबा से बातचीत हो रही थी। इसके बाद और भी दो लोगों से बात हुई है जिसमें से दोनों आयोजक ही थे। दोनों आयजकों में से एक महेश बाबा का खास माना जाता है। शाम 4 बजकर 35 मिनट पर बाबा ने फोन स्विच ऑफ कर लिया, जो अब तक स्विच ऑन नहीं हुआ है।
इतने लोगों की जान चली गई लेकिन बाबा का तो अता पता नहीं है
सत्संग में आए इतने लोगों की जानें चली गयीं हैं लेकिन बाबा का तो अता पता ही नहीं है। आखिर कहां है बाबा? यही ही नहीं बाबा ने अपना फोन तक स्विच ऑफ कर लिया है। पुलिस भी उसे ढूंढ रही है। पुलिस कुल 8 जगहों पर धावा बोल चुकी है लेकिन बाबा को ढूंढ नहीं पा रही है। ऐसे में सोचने वाली बात ये है कि क्या पुलिस बाबा को गिरफ्तार नहीं करना चाहती है, क्योंकि एफआईआर में भी उसका नाम नहीं है। इस बात के संकेत सीएम योगी ने भी बुधवार को दिए थे कि शायद बाबा पर सीधा एक्शन नहीं लिया जाएगा, क्योंकि पुलिस पहले बाबा के इतिहास पर होमवर्क करना चाहती है। अगर पुलिस को ज्यादा सबूत नहीं मिले तो हो सकता है कि बाबा को गिरफ्तार ना किया जाए।
भोले बाबा पर हैं कई अपराधिक मामले
बाबा के खिलाफ कई अपराधिक मामले मामले दर्ज हैं। अब तक 5 मामले कासगंज, फर्रूखाबाद, आगरा और राजस्थान में दर्ज हैं। बाबा के उपर यौन शोषण का भी आरोप लग चुका है। 1999 में उसको नौकरी से निकाल दिया गया था। साल 2000 में आगरा में उस पर अंधविश्वास फैलाने का भी आरोप लगा था। बाबा के खिलाफ लगातार अपराधिक मामले दर्ज होते रहे हैं। बाबा ने सिपाही से लेकर भगवान बनने तक का सफर 24 साल में तय किया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दलित कम्युनिटी में उसका खास प्रभाव है। इसके साथ ही उसके लाखों फॉलोअर्स भी हैं।
Created On :   4 July 2024 10:08 AM GMT