चांद की सतह पर एक बार फिर लैंड हुआ विक्रम लैंडर, देखें वीडियो, इसरो ने जारी किया लेटेस्ट अपडेट

चांद की सतह पर एक बार फिर लैंड हुआ विक्रम लैंडर, देखें वीडियो, इसरो ने जारी किया लेटेस्ट अपडेट
चांद की सतह पर एक बार फिर लैंड हुआ विक्रम लैंडर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चंद्रयान-3 मिशन को लेकर इसरो ने ताजा अपडेट जारी की है। सोमवार को इसरो द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, विक्रम लैंडर को चांद की सतह से 40 सेंटीमीटर ऊपर उठाया गया और फिर उसे सुरक्षित लैंड कराया गया। इसरो ने ट्विटर पर ट्वीट किया, "विक्रम लैंडर ने अपने मिशन के उद्देश्यों से भी आगे काम कर रहा है। यह सफलतापूर्वक एक आशा मुताबिक प्रयोग से गुजरा है। जब हमने विक्रम लैंडर को आदेश दिया तब इसने (विक्रम लैंडर) इंजन चालू कर दिए, उम्मीद के मुताबिक खुद को लगभग 40 सेमी ऊपर उठाया और 30-40 सेमी ऊपर उठने पर वह चांद की सतह पर फिर सुरक्षित रूप से लैंड किया।"

इसरों ने आगे कहा कि यह काफी महत्वपूर्ण है कि विक्रम की दोबारा सॉफ्ट लैंडिंग हो पाई है। ऐसा इसलिए भी खास है क्योंकि इससे मिशन द्वारा चांद से सैंपल लेकर लौटने में मदद मिलेगी।

बता दें कि, चांद पर एक फिर अंधेरा छाने वाला है। चांद पर एक रात धरती के 14 दिनों के बराबर होता है। इसका मतलब है कि अगले 14 दिनों तक विक्रम चांद की सतह पर आराम करेगा। 23 अगस्त की शाम को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान की लैंडिंग हुई थी। उस समय चांद की सतह पर दिन था और वहां पर सूरज की रोशनी थी। इसरो से मिली जानकारी के मुताबिक, साइंटिस्ट ने चंद्रयान-3 के लैंडिंग के लिए ऐसे वक्त को चुना था, जब चांद की सतह पर दिन की शुरुआत हुई थी। ऐसा करने के पीछे इसरो का मकसद था कि अगले 14 दिनों तक विक्रम लैंडर और रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर काम कर सके।

'लैंडर और रोवर फिर से काम कर सकेंगे'- सूत्र

इन सभी के बीच एक अहम सवाल यह भी पूछा जा रहा है कि अगर चंद्रयान दिन में ही काम करता है तो फिर दोबारा जब चांद पर दिन होगा तो विक्रम लैंडर और रोवर प्रज्ञान एक बार फिर से काम करना शुरू कर देगा? इसके जवाब में इसरो के सूत्रों ने बताया कि चंद्रयान के लैंडर और रोवर में सोलर पैनल लगे हैं, जो सूरज की रोशनी से काम कर रहे हैं। इसके लिए जरूरी है कि उन्हें सूर्य की प्रकाश मिले। हालांकि, अभी तक कन्फर्म नहीं है कि चांद पर दोबारा दिन होने पर वे (लैंडर और रोवर) फिर से काम कर सकेंगे या फिर नहीं। लेकिन ऐसा होता है तो इसरो के लिए यह भी एक बड़ी उपलब्धि जैसी होगी।

Created On :   4 Sept 2023 6:31 PM IST

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