वोट के बदले नोट मामला: सुप्रीम कोर्ट ने बदला अपना 26 साल पुराना फैसला, पैसे लेने वाले सांसदों पर भी चलेगा केस
- वोट के बदले नोट मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
- पैसे लेने वाले सांसदों पर भी चलाया जा सकता है केस
- सुप्रीम कोर्ट ने बदला अपना 26 साल पुराना फैसला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वोट के बदले नोट मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। जहां कोर्ट ने अपने ही करीब 26 साल पुराने फैसले को पलटकर सांसदों को किसी भी प्रकार की छूट देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की सात जजों वाली पीठ ने सोमवार को यह फैसला लिया है। इस फैसले के बाद अब अगर कोई सांसद पैसे लेकर सदन में भाषण या फिर वोट देता है तो उसके खिलाफ केस चलाया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने बदला अपना पुराना फैसला
दरअसल, साल 1993 में नरसिम्हा राव सरकार के पक्ष में सांसदों पर घूस लेने के बाद वोट करने का आरोप लगा था। इस मामले को लेकर साल 1998 में पांच जजों की पीठ ने 3:2 के बहुमत से तय किया था। जिसमें यह काहा गया था कि इस तरह के मामले में जनप्रतिनिधियों पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है। इस फैसले के मुताबिक यदि सांसद वोट करने के लिए पैसे लेते हैं तो उन पर आम नागरिक की तरह केस नहीं चलाया जा सकता है।
मामले को लेकर बोली सुप्रीम कोर्ट की पीठ
लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने अपने ही इस फैसले को पलट दिया है। जहां पीठ ने अनुच्छेद 105 का हवाला देते हुए कहा कि घूसखोरी के मामले में सांसदों को भी राहत नहीं मिल सकती है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने मामले पर अपने फैसले को लेकर कहा कि विधायिका के किसी सदस्य द्वारा किया गया भ्रष्टाचार या रिश्वतखोरी सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी को खत्म कर देती है।
Created On :   4 March 2024 5:52 AM GMT