नीट यूजी पेपर लीक मामला: सुप्रीम कोर्ट का नीट पेपर लीक मामले में बड़ा फैसला, अब 11 जुलाई को होगी मामले की अगली सुनवाई
- नीट मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
- नीट यूजी परीक्षा दोबारा होगी या नहीं?
- सुनवाई की तारीख 11 जुलाई तय
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज कोर्ट में नीट पेपर लीक मामले पर कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसका फैसला कोर्ट ने सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने विवादों से घिरी नीट यूजी परीक्षा को रद्द करने की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सख्त रुख अपनाया है। साथ ही सरकार को पेपर लीक मामलों से फायदा उठाने वाले लोगों को पता करने को बोला है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूजड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ इन मामलों में 38 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा है कि, "पेपर तो लीक हुए हैं। पेपर लीक पर विवाद नहीं किया जा सकता है। हम इसके परिणामों पर भी विचार कर रहे हैं। हम एक आदर्श दुनिया में नहीं रहते हैं, लेकिन दोबारा परीक्षा पर निर्णय लेने से पहले हमें हर पहलू पर गौर करना होगा क्योंकि हम जानते हैं कि हम 23 लाख छात्रों की भविष्य की बात कर रहे हैं।"
कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 11 जुलाई को करेगा। कोर्ट ने बुधवार (10 जुलाई) की शाम 5 बजे तक एनटीए, केंद्र सरकार और सीबीआई को मामले में हलफनामा पेश करने को कहा है। कोर्ट ने एनटीए से उन उम्मीदवारों का पता करने को कहा है जिन्हें नीट यूजी पेपर लीक से फायदा हुआ है। कोर्ट ने एनटीए से उन केंद्रों और शहरों का पता करने बोला है जहां पेपर लीक हुआ है।
नीट यूजी रद्द होने पर एनटीए की राय
कुछ केंडिडेट्स नीट यूजी को रद्द करने की मांग कर रहे हैं तो कुछ इसके खिलाफ हैं। वहीं, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 5 जुलाई (शुक्रवार) को सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि बिना किसी सबूत के नीट यूजी परीक्षा को रद्द नहीं किया जाना चाहिए। एनटीए का मानना है कि मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम रद्द होने से इसमें पार्टिसिपेट किए हुए लाखों ईमानदार अभ्यार्थियों के फ्यूचर में इससे बुरा असर पड़ सकता है। नीट यूजी परीक्षा 5 मई को 571 शहरों में स्थित 4750 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित किया गया था।
नीट यूजी काउंसलिंग
नीट यूजी काउंसलिंग 6 जुलाई से शुरू होने वाली थी। लेकिन बीते दिन मेडिकल काउंसलिंग कमेटी यानि एमसीसी ने नीट यूजी काउंसलिंग प्रक्रिया को स्थगित कर दिया है। एमसीसी नए सिरे से तारीखों का ऐलान करेगी।
री-एग्जाम पर केंद्र सरकार के विचार
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने री-एग्जाम को लेकर अपना पक्ष रखा है। शिक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दर्ज करके नीट एग्जाम को रद्द करने का विरोध किया। सरकार ने हलफनामे में कहा कि सबसे ज्यादा गड़बड़ी केवल पटना और गोधरा केंद्रों में हुई थी और व्यक्तिगत उदाहरणों के आधार पर पूरी परीक्षा रद्द नहीं की जानी चाहिए। अनुचित साधनों और पेपर लीक के व्यक्तिगत उदाहरणों से पूरी परीक्षा खराब नहीं हुई है। अगर परीक्षा प्रक्रिया रद्द कर दी जाती है तो लाखों छात्रों के फ्यूचर करियर से जुड़े बड़े सार्वजनिक हित के लिए हानिकारक हो सकता है। पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच कर रही है। ये बातें शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग के डायरेक्टर वरुण भारद्वाज ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामें में कही हैं।
Created On :   8 July 2024 5:17 PM IST