मूर्ति चोरी मामले: सुको ने मूर्ति चोरी मामले में तमिलनाडु सरकार से रुख स्पष्ट करने को कहा
- नई एफआईआर और 41 FIR फाइल गायब होने का मामला
- नई एफआईआर आरोपी के बचाव का एक नया तरीका
- टॉप कोर्ट ने की नई एफआईआर पर टिप्पणी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु में मूर्ति चोरी केस में 41 एफआईआर फाइलों के गायब होने को लेकर शीर्षस्थ कोर्ट ने चौंकाने वाले खुलासे किए है। देश की सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु में मूर्ति चोरी के केस में पुलिस के कब्जे से गायब हुई 41 फाइलों वाले मामले में राज्य सरकार से स्पष्ट रुख करने के निर्देश दिए है।
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने बीते दिन शुक्रवार को सुनवाई करते हुए तमिलनाडु सरकार के गृह विभाग के सचिव को हलफनामा दायर करने और सरकार का रुख स्पष्ट करने के लिए 31 जनवरी, 2025 का समय दिया है। सुको ने निर्देश देते हुए राज्य सरकार के गृह विभाग के सचिव को पेश होने के लिए कहा है। शीर्ष कोर्ट ने इस संबंध में फरवरी, 2023 में राज्य के गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक, हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती आयुक्त और मूर्ति चोरी शाखा के प्रमुख अतिरिक्त डीजीपी को नोटिस जारी किया था।
शीर्ष कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि 41 में से 27 फाइलें मिल गईं और 11 मामलों में नई प्राथमिकी दर्ज की गईं। टॉप कोर्ट ने कहा जैसे ही आप नई प्राथमिकी दर्ज करते हैं, यह आरोपी के लिए बचाव का एक तरीका बन जाता है। नयी प्राथमिकी कैसे दर्ज की जा सकती है । याचिकाकर्ता एलीफेंट जी राजेंद्रन की ओर से पेश हुए वकील जी एस मणि ने कहा कि चोरी कई साल पहले हुई थी। सुको ने साफ कहा बार बार नई एफआईआर आरोरियों के बचाव को मौका देती है।
सरकारी समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा से मिली जानकारी के अनुसार याचिकाकर्ता के वकील ने कहा अंतरराष्ट्रीय बाजार में मूर्तियों की कीमत 300 करोड़ रुपये से अधिक है। इन मामलों में कोई प्रगति नहीं हुई है। यह घोर लापरवाही है।
Created On :   21 Dec 2024 10:27 AM IST