चांद पर नजर आए लाल और नीले रंग, रोवर प्रज्ञान ने अनोखे ढंग से दिखाई नई तस्वीर, जानिए कैसे हुआ चांद्रमा की सतह पर यह परिवर्तन
- रोवर प्रज्ञान ने अनोखे ढंग से दिखाई नई तस्वीर
- चांद पर नजर आए लाल और नीले रंग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत का चंद्रयान-3 मिशन चांद के ध्रुव की सतह पर 15 दिनों का समय बिता चुका है। मिशन में शामिल विक्रम लैंडर से बाहर से निकलकर रोवर प्रज्ञान ने चंद्रमा की सतह से कई चीजों को खोज निकाला। रोवर ने चांद की सतह को अच्छे तरीके से अध्ययन किया। फिलहाल चांद पर रात हो चुकी है। साथ ही, रोवर प्रज्ञान इस समय चांद की सतह पर माइनस 280 डिग्री के तापमान पर विक्रम लैंडर के अंदर आराम कर रहा है। हालांकि,अच्छी बात यह है कि सौर ऊर्जा से चांद की सतह का अध्ययन करने वाले रोवर की बैटरी फुल चार्ज है। ऐसे में जब 14 दिनों बाद चांद की सतह पर सूरज की प्रकाश पड़ेगी तो रोवर एक बार फिर चांद पर अपने अगले मिशन को अंजाम देगा। बता दें कि, चांद पर एक रात धरती के 14 दिनों के बराबर होता है। इसका मतलब है कि रोवर अगले 14 दिनों तक विक्रम लैंडर के भीतर आराम करेगा। इसके बाद रोवर एक बार फिर अपने अगले मिशन पर काम करना शुरू कर देगा।
हाल ही में रोवर प्रज्ञान ने चांद की सतह पर कई तत्व खोजा हैं। इसरो ने बताया कि रोवर की सबसे बड़ी खोज सल्फर है। इसके अलावा रोवर प्रज्ञान ने चांद की सतह पर एल्युमिनियम (Al), कैल्शियम (Ca), आयरन (Fe), क्रोमियम (Cr), टाइटेनियम, (Ti), मैंगनीज (Mn), सिलिकॉन (Si) और ऑक्सीजन (O) को खोजा है। रोवर का अगला काम अभी चांद पर हाइड्रोजन (H) की तलाश करना है। इसरो ने कहा, " मौजूदा समय में रोवर की बैटरी पूरी तरह से चार्ज है। सौर पैनल के मुताबिक, 22 सितंबर को चांद पर सूर्योदय होगा। इसके बाद रोवर एक फिर अपने काम पर लग जाएगा।"
बीते 14 दिनों में रोवर ने चांद की कई तस्वीरें भेजी हैं। साथ ही, कई दुर्लभ तस्वीरें भी भेजी हैं। इस बीच इसरो ने रोवर द्वारा भेजी गई एक और नई तस्वीर साझा की है। इस फोटो में चांद की सतह लाल और नीले रंग की दिखाई दे रही है। आइए जानते हैं चांद पर ये निशान कैसे बन गए?
Chandrayaan-3 Mission:Anaglyph is a simple visualization of the object or terrain in three dimensions from stereo or multi-view images.The Anaglyph presented here is created using NavCam Stereo Images, which consist of both a left and right image captured onboard the Pragyan… pic.twitter.com/T8ksnvrovA— ISRO (@isro) September 5, 2023
इसरो ने मंगलवार 5 सितंबर की शाम को ट्विटर पर एक तस्वीर साझा की। इसरो ने बताया कि यह फोटो 30 अगस्त को प्रज्ञान रोवर द्वारा भेजी गई है। जिसे रि-पोस्ट किया जा रहा है। इसरो ने पोस्ट के साथ जानकारी दी कि यह तस्वीर एनाग्लिफ़ स्टीरियो या मल्टी-व्यू छवियों से तीन आयामों में वस्तु या इलाके का एक सरल दृश्य है। इस तस्वीर को एनाग्लिफ़ NavCam स्टीरियो इमेज का उपयोग करके बनाया गया है, जिसमें प्रज्ञान रोवर द्वारा ली गई छवि है।
इसरो ने अपने पोस्ट में लिखा है, " एनाग्लिफ़ स्टीरियो या मल्टी-व्यू छवियों से तीन आयामों में वस्तु या इलाके का एक सरल दृश्य है। यहां प्रस्तुत एनाग्लिफ़ NavCam स्टीरियो इमेज का उपयोग करके बनाया गया है, जिसमें प्रज्ञान रोवर पर ली गई बायीं और दायीं दोनों छवि शामिल है। इस चैनल छवि में, बाईं छवि लाल चैनल में स्थित है, जबकि दाहिनी छवि नीले और हरे चैनल (सियान बनाते हुए) में रखी गई है। इन दोनों छवियों के बीच परिप्रेक्ष्य में अंतर के परिणामस्वरूप स्टीरियो प्रभाव होता है, जो तीन आयामों का दृश्य प्रभाव देता है। 3डी में देखने के लिए लाल और सियान चश्मे की अनुशंसा की जाती है। NavCam को LEOS/ISRO द्वारा विकसित किया गया था। जिसका डाटा प्रोसेसिंग एसएसी/इसरो द्वारा किया जाता है।"
Created On :   5 Sept 2023 11:59 PM IST