दिल्ली में लद्दाख भवन के आगे प्रदर्शन: केंद्र सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे सोनम वांगचुक, कई बातों पर जताई नाराजगी

केंद्र सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे सोनम वांगचुक, कई बातों पर जताई नाराजगी
  • मैं किसी से समर्थन नहीं मांग रहा हूं- सोनम वांगचुक
  • सोनम वांगचुक ने कहा धरना प्रदर्शन रहेगा जारी
  • सोनम वांगचुक ने कई बातों पर जताई नाराजगी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लद्दाख में हाल ही में भूख हड़ताल को लेकर चर्चा में आए सोनम वांगचुक ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने केंद्र सरकार से शुक्रवार, 4 अक्टूबर को जन्तर-मन्तर पर बैठने की अनुमति मांगी थी। लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली। अब पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने कहा, "जो राजघाट पर हमसे वादे किए गए थे, उसे पूरा नहीं किया गया। हमें विश्वास दिलाया गया था कि देश के शीर्ष नेताओं से मुलाकात होगी, लेकिन इस विश्वास के बावजूद हमें किसी नेता से मिलने का समय नहीं दिया गया। दिल्ली के कमिश्नर ने कहा था कि पूरी दिल्ली में धारा 163 लगी है। जब हमने राजघाट पर अनशन तोड़ा, तब हमने हर जगह अनशन करने के लिए जगह मांगी, लेकिन हमें जगह नहीं दी गई। इसलिए हमें लद्दाख भवन में अनशन करने की अनुमति दी जाएगी। हमें उम्मीद है कि हमारे देश के शीर्ष नेता हमें समय देंगे।"

बता दें कि, सोनम वांगचुक और लद्दाख के 150 लोगों को पिछले सप्ताह दिल्ली के सिंघु बॉर्डर से हिरासत में लिया गया था। इसके बाद राजघाट स्थित महात्मा गांधी के स्मारक ले जाया गया। जिसके बाद में उन्हें और उनके साथियों को रिहा कर दिया गया।

मैं किसी से समर्थन नहीं मांग रहा हूं- सोनम वांगचुक

सोनम वांगचुक ने कहा, "हम एक ऐसी जगह की तलाश कर रहे थे जहां हम अपनी शांतिपूर्ण भूख हड़ताल कर सकें, लेकिन हमें वह जगह नहीं दी गई। इसलिए हमारे पास लद्दाख भवन से (भूख हड़ताल) शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, जहां हम वस्तुतः हिरासत में हैं। हमें देश के शीर्ष नेतृत्व से मिलने का जो आश्वासन दिया गया था, उसके लिए हमें कोई तारीख नहीं दी गई, इसलिए हमें फिर से अपनी भूख हड़ताल शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसे हमने राजघाट पर तोड़ा। हमारी हमेशा से यही अपील रही है- 30 से 32 दिनों तक पैदल चलने के बाद, हम यहां आए हैं और राजधानी में अपने देश के कुछ शीर्ष नेताओं से मिलकर अपनी शिकायतें साझा करना चाहते हैं। मैं किसी से समर्थन नहीं मांग रहा हूं। हम उन लोगों का स्वागत करते हैं जो समझते हैं कि भारत में क्या हो रहा है, लद्दाख के साथ क्या हो रहा है और हमारे अधिकार क्या हैं।"

पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को पूर्ण राज्य और संविधान की छठी अनुसूची लागू करने की मांग कर रहे हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 244 के तहत छठी अनुसूची स्वायत्त प्रशासनिक प्रभागों में स्वायत्ता जिला परिषदों के गठन का प्रावधान करती है, जिनके पास एक राज्य के भीतर कुछ विधायी, न्यायिक और प्रशासनिक स्वतंत्रता होती है।

Created On :   6 Oct 2024 3:07 PM GMT

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