Sambhal Jama Masjid Dispute Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई की मंजूरी, कहा - 'केवल बाहरी दीवारों पर रंग-रोगन करें, ढांचे को कोई नुकसान न पहुंचे'

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई की मंजूरी, कहा - केवल बाहरी दीवारों पर रंग-रोगन करें, ढांचे को कोई नुकसान न पहुंचे
  • संभल मस्जिद विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
  • मस्जिद की रंगाई-पुताई की दी इजाजत
  • ढांचे को नुकसान न पहुंचाने की भी कही बात

डिजिटल डेस्क, प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल की जामा मस्जिद विवाद मामले में बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मस्जिद की रंगाई पुताई की मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने कहा, 'मस्जिद कमेटी मस्जिद की बाहरी दीवारों में ही रंगाई-पुताई करवा सकती है। रमजान के दौरान मस्जिद में लाइटिंग भी करवा सकती है, लेकिन इस दौरान ढांचे को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए।'

जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने यह आदेश सुनाया। दरअसल, 25 फरवरी को जामा मस्जिद कमेटी के वकील जाहिर असगर ने मस्जिद की रंगाई-पुताई के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने कहा था, 'हम लोग हर साल रमजान से पहले मस्जिद की रंगाई-पुताई करते हैं, लेकिन इस बार प्रशासन अनुमति नहीं दे रहा है। हिंदू पक्ष रंगाई-पुताई का विरोध कर रहा था। उनका कहना था- रंगाई-पुताई से मंदिर के साक्ष्य मिटाए जा सकते हैं, इसलिए परमिशन न दी जाए।'

बता दें कि सबसे पहले इस मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में 27 फरवरी को सुनवाई हुई थी। इसके लिए कोर्ट ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। इसमें मस्जिद के मुतल्लवी और भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) को भी शामिल किया था। इस दौरान कोर्ट ने कमेटी को निर्देश दिया था कि वह 24 घंटे के अंदर मस्जिद का निरीक्षण करके अपनी रिपोर्ट दे। इसके एक दिन बाद कमेटी जामा मस्जिद परिसर पहुंची और वहां करीब डेढ़ घंटे रुककर अपनी रिपोर्ट तैयार की। इस दौरान उनके सात मुस्लिम पक्ष के वकील जफर अली भी थे।

इसके बाद 4 मार्च को कोर्ट में मामले की फिर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने संभल की शाही जामा मस्जिद को विवादित ढांचा लिखवाया। तब कोर्ट में हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने कहा था- ये (मुस्लिम पक्ष) मस्जिद कहेंगे तो हम मंदिर कहेंगे, राम मंदिर के केस में भी उसे (बाबरी मस्जिद) विवादित ढांचा ही कहा जाता था। इसके बाद जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने कहा था- हम देखते हैं। इसके बाद उन्होंने 10 मार्च को सुनवाई की डेट दी थी, लेकिन 10 मार्च को सुनवाई नहीं हो सकी थी।

Created On :   12 March 2025 7:01 PM IST

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