Constitution Day 2024: नई न्याय संहिता का जिक्र, संविधान दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने देश की चुनौतियों पर भी की बात
- देश की चुनौतियों पर पीएम मोदी ने की बात
- संविधान दिवस के मौके पर पीएम ने दिया बड़ा संदेश
- नई न्याय संहिता का पीएम मोदी ने किया जिक्र
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस समारोह के मौके पर सुप्रीम कोर्ट में भारतीय न्यायपालिका की वार्षिक रिपोर्ट 2023-24 जारी की। इस दौरान संविधान दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं देश का यह संकल्प भी दोहराता हूं कि भारत की सुरक्षा को चुनौती देने वाले हर आतंकी संगठन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
संविधान दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप सभी को संविधान दिवस की बधाई। भारत के संविधान का ये 75वां साल पूरे देश के लिए एक असीम गौरव का विषय है। आज मुंबई में हुए आतंकी हमले की भी बरसी है इस हमले जिनकी मृत्यु हुई उनको मैं श्रद्धांजलि देता हूं।
'जम्मू-कश्मीर में भी बाबा साहब का संविधान पूरी तरह लागू'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारा संविधान, हमारे वर्तमान और हमारे भविष्य का मार्गदर्शक है। बीते 75 वर्षों में देश के सामने जो भी चुनौतियां आई हैं। हमारे संविधान ने हर उस चुनौती का समाधान करने के लिए उचित मार्ग दिखाया है। संविधान से मिली शक्ति की वजह से ही आज जम्मू-कश्मीर में भी बाबा साहब का संविधान पूरी तरह लागू हुआ है।
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में, 53 करोड़ से ज्यादा ऐसे भारतीयों का बैंक खाता खुला है, जो बैंक के दरवाजे तक नहीं पहुंच पाते थे। पिछले 10 वर्षों में, 4 करोड़ ऐसे भारतीयों को पक्का घर मिले हैं, जो कई कई पीढ़ियों से बेघर थे। पिछले 10 वर्षों में, 10 करोड़ से ज्यादा ऐसी महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन मिला है, जो वर्षों से अपने घर में गैस पहुंचने का इंतजार कर रही थी।
नई न्याय संहिता का जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे संविधान निर्माता ये जानते थे कि भारत की आकांक्षाएं, भारत के सपने समय के साथ नई ऊंचाई पर पहुंचेंगे। वो जानते थे कि आज़ाद भारत की और भारत के नागरिकों की ज़रूरतें बदलेंगी, चुनौतियां बदलेंगी। इसलिए उन्होंने हमारे संविधान को महज कानून की एक किताब बनाकर नहीं छोड़ा। बल्कि इसको एक जीवंत, निरंतर प्रवाहमान धारा बनाया। भारतीयों को त्वरित न्याय मिले, इसके लिए नई न्याय संहिता लागू की गई है।
पीएम मोदी ने कहा कि दंड आधारित व्यवस्था अब न्याय आधारित व्यवस्था में बदल चुकी है। आज देश का बहुत ज्यादा जोर देश के नागरिकों को ईज ऑफ लीविंग पर है। एक समय था जब पेंशन पाने वाले सीनियर सिटीजन्स को बैंक में जाकर साबित करना होता था कि वो जीवित हैं। आज सीनियर सिटीजन्स को घर बैठे ही डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की सुविधा मिल रही है।
Created On :   26 Nov 2024 7:26 PM IST