राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा: क्या हैं यम नियम? जिनके चलते 11 दिन का कठिन उपवास रखेंगे पीएम मोदी, खाने से लेकर सोने तक इन बातों का रखना पड़ता है ख्याल
- 22 जनवरी को होगा प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम
- इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने जारी किया संदेश
- लोगों को बताई 11 दिवसीय अनुष्ठान में शामिल होने की बात
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम नरेंद्र मोदी 11 दिन के अनुष्ठान में जुट गए हैं। जिसके तहत उन्हें 45 अलग-अलग प्रकार के यम नियमों का पालन करना होगा। ये नियम शास्त्रों में बेहद कठिन माने जाते हैं। मान्यता है कि इन नियमों के पालन से आत्मा और शरीर पूरी तरह से शुद्ध हो जाते हैं। इस दौरान न सादा नमक खाया जाता है, न ही कठोर बाते की जाती हैं और न पलंग पर सोया जा सकता है। 11 दिन किन सख्त नियमों का पालन करने जा रहे हैं पीएम मोदी जान लीजिए।
शास्त्रों से है संबंध
पीएम मोदी 11 दिवसीय जिस अनुष्ठान को कर रहे हैं उसका शास्त्रों से गहरा संबंध है। शास्त्रों के अनुसार देव प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा एक बड़ी और विस्तृत प्रक्रिया है और इसके लिए विस्तृत नियम बनाए गए हैं। जिनके मुताबिक, प्राण प्रतिष्ठा के कई दिन पहले से इन नियमों का पालन करना होता है। शास्त्रों में देव प्रतिष्ठा को पार्थिव मूर्ति में ईश्वरीय शक्ति के संचार का अनुष्ठान बताया है। जिसमें अनुष्ठान से पहले व्रत के नियमों का पालन करने की बात कही गई है। इसी धार्मिक और शास्त्रीय प्रक्रिया का पालन करते हुए पीएम मोदी 11 दिन का अनुष्ठान कर रहे हैं। जिसके लिए वे व्रत भी करेंगे।
क्या है यम नियम?
- पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने इन 11 दिवसीय यम नियमों के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा है, अनुष्ठान में जिन यम नियमों का पालन करना होता है उनमें यजमानों को रोज सुबह स्नान करना होगा। बाहरी भोजन व धूम्रपान का त्याग करना होगा। क्रोध, अहंकार और मद से मुक्त रह कर मन को विचलित करने के दृश्यों से दूरी बनानी होगी। सच बोलने के व्रत में कठनाई आने पर मौन रहना होगा।
- रोज होने वाले पूजन को करने से पहले यजमान ठंडे पानी के साथ फलाहार ग्रहण कर सकते हैं। वहीं सांयकालीन आरती के बाद खाने में सात्विक भोजन और सेंधा नमक खा सकते हैं।
- इस नियम में यजमान को सदविचार और सही चिंतन करने वाला होना चाहिए। साथ ही इसमें आचार्य व ब्राह्मणों से झगड़ा और उन्हें कटु वचन बोलना वर्जित है। पुरूष यजमान सिला हुआ सूती वस्त्र नहीं पहन सकेंगे। पत्नियां लहंगा और चोली जैसे सिले हुए वस्त्र पहन सकती हैं। इसके अलावा स्वेटर, ऊनी शॉल और कंबल को भी पहना जा सकता है।
- भोजन में हल्दी, सरसों, उड़द, मूली, बैंगन, लहसुन, प्याज, मदिरा, अंडा, मास, तेल से बना पदार्थ, चना, चावल, राई, भुजिया, गुड़ आदि वर्जित है। खाने की चीजें भगवान को भोग लगाकर ली जा सकती हैं।
- दोपहर को सबसे पहले ब्राह्मण को भोजन कराना होगा उसके बाद ही यजमान भोजन कर सकेगा। खटिया पर सोना और बैठना वर्जित होगा। पुरुष व महिला आसन के लिए कंबल का प्रयोग कर सकते हैं। सारा काम हो जाने के पहले रोज बिछौना पर बैठना, दाढी और नाखून निकालना वर्जित है।
पीएम का संदेश
22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों के बीच पीएम मोदी ने एक ऑडियो संदेश जारी किया है। जिसमें उन्होंने खुद के 11 दिन के विशेष अनुष्ठान पर जाने की बात कही। उन्होंने अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर लिखा, 'अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में केवल 11 दिन ही बचे हैं। मेरा सौभाग्य है कि मैं भी इस पुण्य अवसर का साक्षी बनूंगा। प्रभु ने मुझे प्राण प्रतिष्ठा के दौरान, सभी भारतवासियों का प्रतिनिधित्व करने का निमित्त बनाया है। इसे ध्यान में रखते हुए मैं आज से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहा हूं। मैं आप सभी जनता-जनार्दन से आशीर्वाद का आकांक्षी हूं.इस समय, अपनी भावनाओं को शब्दों में कह पाना बहुत मुश्किल है, लेकिन मैंने अपनी तरफ से एक प्रयास किया है।'
Created On :   12 Jan 2024 1:50 PM GMT