'मन की बात' में पीएम मोदी ने चंद्रयान-3 का किया जिक्र- 'चंद्रयान नए भारत की स्पिरिट, मिशन नारी शक्ति का जीवंत उदाहरण'
- पीएम मोदी ने की मन की बात
- मन की बात में पीएम ने महिला वैज्ञानिकों के काम को सराहा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर बार की तरह हर महीने के अंतिम रविवार के दिन देश को संबोधित करते हैं। इस बार भी पीएम मोदी ने देश के नाम अपना संबोधन दिया। इस बार पीएम मोदी बेहद ही खास संबोधन रहा। मन की बात का 104वां संस्करण में पीएम मोदी ने चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग को लेकर देशवासियों को एक बार फिर बधाई दिया और कहा कि, इसरो ने देश को गौरवान्वित करने का जो क्षण दिया है वो शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।
अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चंद्रयान की सफलता नए भारत की स्पिरिट का प्रतीक है। इसकी सफलता बहुत बड़ी है। हर ओर इसकी चर्चा हो रही है। चंद्रयान की सफलता ने बता दिया है कि सफलता के सूरज चांद पर भी उगते हैं। पीएम मोदी ने महिला वैज्ञानिकों का जिक्र करते हुए कहा कि इस मिशन में नारी शक्ति का जीवंत उदाहरण दिखने को मिला हैं। इसके अलावा अगले महीने नई दिल्ली में जी-20 समिट का आयोजन होने जा रहा है। जिसका नेतृत्व भारत कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत अगले महीने होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए पूरी तरह तैयार है।
'चंद्रयान मिशन नारी शक्ति का जीवंत उदाहरण'- PM
पीएम मोदी ने अपने मन की बात में महिला वैज्ञानिकों की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि, चंद्रयान-3 में महिला वैज्ञानिकों की बहुत ही अहम योगदान रहा है। जिसका नतीजा आज हम सबके सामने है। पीएम ने आगे कहा कि, जिस काम में महिलाओं का साथ मिल जाए वो काम तो होना ही है। चंद्रयान मिशन नारी शक्ति का जीवंत उदाहरण है। मन की बात में पीएम ने महिला वैज्ञानिकों के लिए अपना कविता भी पढ़ा
आसमान में सिर उठाकर
घने बादलों को चीरकर
रोशनी का संकल्प ले
अभी तो सूरज उगा है
दृढ़ निश्चय के साथ चलकर
हर मुश्किल को पार कर
घोर अंधेरे को मिटाने
अभी तो सूरज उगा है।
जी-20 शिखर सम्मेलन का नेतृत्व भारत कर रहा
मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी 20 को लेकर कहा, सितंबर का महीना भारत की संभावनाओं का गवाह बनने वाला है। भारत जी-20 लीडर्स समिट के लिए पूरी तरह तैयार है। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 40 देश और कई वैश्विक संगठन के प्रमुख दिल्ली आएंगे। जी-20 शिखर सम्मेलन के इतिहास में यह सबसे बड़ी भागीदारी होगी।
Created On :   27 Aug 2023 11:28 AM IST