पतंजलि आयुर्वेद: पतंजलि की सोन पापड़ी क्वालिटी टेस्ट में हुई फेल, सहायक प्रबंधक सहित तीन को जेल
- नहीं कम हो रही है पतंजलि की मुश्किलें
- क्वालिटी टेस्ट में फेल हुई सोन पापड़ी
- सहायक प्रबंधक सहित तीन को जेल
डिजिटल डेस्क, पिथौरागढ़। पतंजलि की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद अब उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी के खिलाफ एक्शन लिया है। दरअसल, पतंजलि की सोन पापड़ी क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गई है जिसके बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के सहायक प्रबंधक सहित तीन लोगों को जेल भेज दिया है। 6 महीने की जेल की सजा के साथ-साथ तीनों पर मजिस्ट्रेट ने जुर्माना भी लगाया है।
साल 2019 में हुई थी मामले की शुरूआत
पतंजलि सोन पापड़ी के क्वालिटी टेस्ट में फेल होने के बाद फिलहाल सजा सुनाया गया है जबकि इस मामले की शुरूआत साल 2019 में हुई थी। 17 अक्टूबर 2019 को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के बेरीनाग के मुख्य बाजार में एक खाद्य सुरक्षा निरीक्षक ने लीला धर पाठक की दुकान का दौरा किया था। इस दौरान उन्हें पतंजलि नवरत्न इलाइटी सोन पापड़ी से जुड़ी शिकायतें मिली जिसके बाद अधिकारी ने नमूना कलेक्ट किया। इसके बाद डिस्ट्रीब्यूटर रामनगर कान्हा जी और पतंजलि आयुर्वेद को नोटिस भेजा गया।
कलेक्ट किए गए सैम्पल को उत्तराखंड के ही रुद्रपुर, उधम सिंह नगर में राज्य खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया। प्रयोगशाला ने राज्य खाद्य सुरक्षा विभाग को दिसंबर 2020 में जांच रिपोर्ट सौंप दी। रिपोर्ट में पतंजलि की नवरत्न इलाइची सोन पापड़ी की गुणवत्ता खराब होने के संकेत मिले। इसके बाद व्यवसायी लीला धर पाठक, डिस्ट्रीब्यूटर अजय जोशी और पतंजलि के सहायक मैनेजर अभिषेक कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
जेल और जुर्माना
मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 59 के तहत तीनों आरोपियों को 6 महीने की सजा के साथ 5 हजार, 10 हजार और 25 हजार रुपये की सजा सुनाई। पतंजलि के सोन पापड़ी की खराब गुणवत्ता की पुष्टि करते हुए खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने कहा, "अदालत में पेश किए गए सबूत स्पष्ट रूप से उत्पाद की घटिया गुणवत्ता के बारे में बताते हैं।"
Created On :   19 May 2024 9:09 AM IST