वन्य-जीव पर्यटन अभियान: पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी चंबल नदी, दुनिया के 85 फीसदी घड़ियाल

पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी चंबल नदी,  दुनिया के 85 फीसदी घड़ियाल
  • 1978 में वन्य-जीव अभयारण्य को मिली मान्यता
  • घड़ियाल, लाल मुकुट वाले कछुए और डॉल्फ़िन पाए जाते हैं
  • घड़ियाल देखने का उपयुक्त समय शीतकाल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कल शनिवार से मध्यप्रदेश में वन्य-जीव पर्यटन अभियान की शुरुआत हो रही है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के साझा प्रयासों से स्थापित हुआ चंबल अभयारण्य एक प्रमुख वन्य-जीव संरक्षण परियोजना है। 1978 में इसे वन्य-जीव अभयारण्य के रूप में मान्यता मिली थी। यहां घड़ियाल, लाल मुकुट वाले कछुए और गांगेय डॉल्फिनों की सुरक्षा पर सरकार ध्यान केंद्रित कर रही है। घड़ियालों को देखने का सर्वोत्तम समय शीतकाल होता है, जब यह पानी से बाहर आते हैं। चंबल में घड़ियाल अभयारण्य देखने के लिए उचित समय अक्टूबर से जून तक रहता है। शीतकाल में घड़ियाल देखने और यह क्षेत्र घूमने का सबसे अच्छा समय माना गया है।

आपको बता दें मध्य प्रदेश को प्रकृति ने कई वरदान दिए हैं, जिसमें सघन वन, विविध वृक्ष और वन्य-जीव शामिल हैं। राज्य बाघ, तेंदुआ और घड़ियाल जैसी प्रजातियों का घर है और यह दुनिया भर में घड़ियालों की सबसे बड़ी संख्या है। चंबल नदी में दुनिया के 85 प्रतिशत घड़ियाल पाए जाते हैं, जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं।

चंबल अभयारण्य, जो मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के साझा प्रयासों से स्थापित हुआ है, एक प्रमुख वन्य-जीव संरक्षण परियोजना है। चंबल अभयारण्य में 26 दुर्लभ कछुआ प्रजातियां पाई जाती हैं। चंबल नदियों और घाटियों के किनारे परिपूर्ण दृश्य और विविध जीवों के अवलोकन के लिए पर्यटकों के लिए यह एक आदर्श स्थल है।

Created On :   3 Jan 2025 6:06 PM IST

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