भारतीय नागरिकता प्राप्त करने में संकोच!: असम में CAA नागिरकता के लिए आए केवल 8 आवेदन, सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने दी बड़ी चेतावनी
- असम में सीएए के लिए अवैध प्रवासी लोग नहीं कर रहे हैं आवेदन
- सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने दी चेतावनी
- जल्द करें आवेदन- सीएम हिमंत बिस्वा सरमा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को 'सीएए' के बारे में कुछ खास बातें कहीं। उन्होंने बताया कि नियमों के अधिसूचित होने के चार महीने बाद भी असम में केवल आठ लोगों ने सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) के तहत भारतीय नागरिकता प्राप्त करनेके लिए आवेदन किया है।
साथ ही, सीएम ने कहा कि कैसे सीएए के विरोध में कुछ लोगों ने डर फैलाने की कोशिश की थी, कानून के खिलाफ कुछ लोगों ने कहा था कि संशोधन कानून से करीब 50 लाख अवैध रुप से भारत में रह रहे लोगों को भारतीय नागरिकता मिल सकती है।
बंगाली हिंदू आवेदन नहीं करेंगे
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'केवल आठ लोगों ने सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन किया है। उनमें से भी केवल दो ही इंटरव्यू के लिए आए हैं।' उन्होंने आगे कहा कि बंगाली हिंदू समुदाय के जो सदस्य राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) में शामिल नहीं हैं। वह नागरिकता के लिए CAA के तहत आवेदन नहीं करेंगे। असम में भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए कट-ऑफ वर्ष पर चर्चा करते हुए सरमा ने कहा, 'वे कहते हैं कि वे 1971 से पहले भारत आए थे।'
19 लाख लोगों के नहीं थे नाम
एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर) का काम असम में सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में किया गया। जिसकी सूची साल 2019 में आई थी। एनआरसी की अपडेट सूची में करीब 19 लाख लोगों का नाम शामिल नहीं था, जो नागरिकता साबित करती है। साथ ही, सीएम ने कहा, 'मैंने कई लोगों से मुलाकात की है। वे हमें बता रहे हैं कि हम अपनी भारतीय नागरिकता के बारे में आश्वस्त हैं। हम इसे कानून की अदालत में साबित करना चाहते हैं। असम में लोगों के बीच यही आम भावना है।'
मामलों को कुछ महीने रोक देनी चाहिए
'क्या असम न्यायाधिकरणों में मामले वापस लिए जाएंगे?' इसके जवाब में सीएम ने कहा कि यह मामले को कुछ महीनों के लिए रोकना पड़ सकता है। इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि विदेशी न्यायाधिकरण में कार्यवाही को दो-तीन महीने के लिए रोक देना चाहिए। सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन करने का समय लोगों को और भी देना चाहिए।
सीएम हिमंत विस्वा सरमा कहते हैं कि कोई भी व्यक्ति जो साल 2015 से पहले भारत आया है। उसे भारतीय नागरिकता के सीएए के तहत आवेदन करना होगा। अगर कोई शख्स आवेदन नहीं करता है तो सरकार उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करेगी। इसके अलवा 2015 के बाद आए लोगों को निर्वासित कर दिया जाएगा।
सीएम ने रखी अपनी बात
असम में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन बड़े पैमाने पर किया गया था। सीएम का मानना है कि संशोधन नागरिकता कानून के तहत लगभग 2-3 लाख लोग भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन अभी तक राज्य में केवल 2 ही लोग साक्षात्कार के लिए आए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, 'सीएए विरोधी प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाले लोगों ने आंकड़ो दिए कि 30 से 50 लाख अवैध अप्रवासी कानून से नागरिकता प्राप्त करेंगे। बता दें कि, साल 2019 में सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए 5 नागरिकों की मौत हो गई थी। जिसके बारे में सोमवार को सीएम हिमंत सरमा ने जिक्र किया।
Created On :   15 July 2024 6:38 PM IST