चंडीगढ़ में आज जलेगा देश का सबसे बड़ा रावण, ऊंचाई 221 फीट
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पूरे देशभर में आज असत्य पर सत्य की जीत का पर्व दशहरा जोर-शोर से मनाया जा रहा है। यूं तो देशभर में रावण दहन की अलग-अलग परंपराएं और तरीके हैं। वहीं जगह-जगह जलने वाले रावण की उंचाई को लेकर प्रतिस्पर्धा रहती है। ऐसे में लोगों में उत्सुकता बनी रहती है कि इस बार सबसे बड़ा रावण कहां जलेगा। तो आईए हम बताते हैं कि इस बार देश का सबसे बड़ा रावण कहां जलेगा और इसकी खासियत क्या है?
इस बार दशहरे पर देश का सबसे बड़ा रावण चंडीगढ़ में जलेगा। इसकी खासियत ये है कि इसकी ऊंचाई 221 फीट है, जबकि इसके पैर की जूती और मूंछो की लंबाई 40-40 फीट है और तलवार की लंबाई 55 फीट है। इसे 30 लाख की लागत से तैयार किया है। 221 फीट ऊंचे दुनिया का सबसे बड़ा रावण को 90 डिग्री के एंगल पर खड़ा करने के लिए करीब 12 घंटों की मशक्कत करनी पड़ी। पुतले को खड़ा करने के लिए जहां दो क्रेन व एक जेसीबी मशीन की मदद ली गई। वहीं 150 लोगों को इसमें लगना पड़ा।
करीब 70 क्विंटल वजनी इस रावण के पुतले के बेस को सेट करने में ही तीन घंटे का वक्त लगा। रावण के पुतले की सुरक्षा के लिए चारों तरफ 500 फीट की बाउंड्री तैयार की गई है।
लिम्का बुक ऑफ द रिकॉर्ड में दर्ज नाम
खास बात यह है कि रिमोट के जरिए रावण के पुतले का दहन किया जाएगा।शिव पार्वती सेवा दल की ओर से अंबाला के बराड़ा के निवासी तेजिंदर चौहान और उनकी टीम ने मिलकर इस विशाल पुतले को बनवाया है। चौहान का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया जा चुका है। उनका सबसे ऊंचा रावण बनाने को लेकर लिम्का बुक और रिकॉडर्स में नाम दर्ज है। पुतले बनाने की जिद में वह अपनी साढ़े 12 एकड़ जमीन भी बेच चुके हैं। बताया जा रहा है कि इस रावण को देखने के लिए चंडीगढ़ के अलावा पंजाब व हरियाणा के लोग भी पहुंचेंगे।
ईको-फ्रेंडली होगा दहन
रावण के इस पुतले को बनाने वाले अंबाला के तेजिंदर चौहान ने बताया कि पुतले में लगाए जाने वाले पटाखे शिवाकाशी से मंगवाए गए हैं, जो आवाज तो करेंगे, लेकिन प्रदूषण कम फैलाएंगे।
Created On :   8 Oct 2019 5:12 PM IST