ट्रेनों में मसाज सेवा शुरू होने से पहले ही बंद, विरोध के बाद प्रस्ताव वापस
- इंदौर से चलने वाली 39 ट्रेनों में मसाज सेवा शुरू करने की योजना थी
- पश्चिम रेलवे ने मसाज सर्विस का प्रस्ताव वापस ले लिया है
- सुमित्रा महाजन और इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने किया था विरोध
डिजिटल डेस्क, इंदौर। चलती ट्रेनों में मसाज की सुविधा देने की योजना शुरू होने से पहले ही बंद हो गई। इंदौर से चलने वाली ट्रेनों में मसाज सर्विस का प्रस्ताव पश्चिम रेलवे ने वापस ले लिया है। रेलवे ने इंदौर से चलने वाली 39 ट्रेनों में सिर और पैर की मसाज सर्विस शुरू करने की योजना बनाई थी। रेलवे की इस यौजना का इंदौर के सांसद शंकर लालवानी और पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने विरोध जताया था।
Western Railway has decided to withdraw the proposal of providing Head and Foot massage services to the passengers of trains originating from Indore. pic.twitter.com/4FLc7yAtHR
— Western Railway (@WesternRly) June 15, 2019
पश्चिम रेलवे के मुंबई हेडक्वार्टर ने जानकारी देते हुए कहा, इंदौर से चलने वाली 39 ट्रेनों में मसाज सेवा शुरू करने का प्रस्ताव रतलाम डिवीजन ने दिया था। हालांकि जैसे ही पश्चिम रेलवे के अफसरों को इस बारे में जानकारी हुई उसके बाद प्रस्ताव को वापस लेने का फैसला किया गया। बता दें कि, इंदौर पश्चिम रेलवे के रतलाम डिवीजन में आता है।
दरअसल चलती ट्रेनों में सुबह 6 बजे से रात 10 बजे के बीच यात्रियों को सिर और पैर की मालिश की सुविधा देने की योजना थी। इस सेवा के बदले यात्रियों से 100 रुपये, 200 रुपये और 300 रुपये की तीन अलग-अलग पैकेज श्रेणियों में शुल्क लिया जाना तय किया गया था। इस सर्विस के लिए एक निजी एजेंसी से करार किया गया था। जानकारी के मुताबिक, मसाज सेवा से रेलवे के खजाने में सालाना 20 लाख रुपये जमा होने की उम्मीद थी। इससे रेलवे को हर साल करीब 90 लाख रुपये की अतिरिक्त कमाई होती।
रेलवे के इस प्रस्ताव के बाद से सियासी विरोध शुरू हो गया था। इंदौर के सांसद शंकर लालवानी और पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने रेलवे को पत्र लिखकर विरोध जताया था। सुमित्रा महाजन ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर पूछा था, रतलाम डिवीजन के प्रस्तावित फैसले को क्या रेल मंत्रालय ने मंजूरी दी है। इस सेवा के लिए ट्रेन में कैसी व्यवस्था की जाएगी, क्योंकि इससे यात्रियों, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा और सहजता के बारे में कुछ सवाल हो सकते हैं।
इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने भी रेल मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा था, ये सेवा भारतीय सभ्यता के खिलाफ है। महिलाओं के सामने इस तरह की सेवा की शुरुआत करना गलत है। उन्होंने सुझाव दिया था, मसाज की जगह ट्रेनों में स्वास्थ्य संबंधी सुविधा होना चाहिए, जो यात्रियों के लिए आवश्यक है।
Created On :   16 Jun 2019 8:06 AM IST