पश्चिम बंगाल सरकार ने 2022-23 के लिए 3.21 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया
- लोकलुभावन बजट
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। विपक्षी भाजपा के कड़े विरोध के बीच पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने शुक्रवार को 3.21 लाख करोड़ रुपये का लोकलुभावन बजट पेश किया, जिसमें बैटरी से चलने वाले और सीएनजी वाहनों के लिए प्रोत्साहन और चाय क्षेत्र के लिए कर राहत के साथ-साथ सितंबर 2022 तक एक और छह महीने के लिए स्टाम्प शुल्क पर 2 प्रतिशत की छूट और भूमि के सर्कल रेट पर 10 प्रतिशत की छूट के प्रस्ताव को आगे बढ़ा दिया है।
2022-23 के लिए कुल बजट आवंटन 2010-11 के आंकड़े के मुकाबले 3.8 गुना बढ़कर 3,21,030 करोड़ रुपये किया गया, जब तृणमूल कांग्रेस सरकार ने सत्ता संभाली थी। राजस्व प्राप्तियां 1,98,047 करोड़ रुपये आंकी गई हैं, जबकि राज्य सरकार ने सार्वजनिक ऋण को 1,14,958 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। वित्तीय वर्ष के लिए पूंजीगत व्यय 33,144 करोड़ रुपये और राजस्व व्यय 2,26,326 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
बजट पेश करते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि स्टांप ड्यूटी पर 2 फीसदी की राहत और संपत्ति सरल रेट में 10 फीसदी की कटौती 31 मार्च तक प्रभावी थी, जिसे अब सितंबर तक बढ़ा दिया गया है। बजट की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री और वित्त विभाग के मुख्य सलाहकार अमित मित्रा ने कहा, राज्य सरकार के रियल एस्टेट क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के कदम से राजस्व संग्रह में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सरल रेट पर 10 प्रतिशत छूट के परिणामस्वरूप 20 लाख डीड का पंजीकरण हुआ है। बजट में ग्रामीण रोजगार उपकर से छूट और 2022-23 वित्तीय वर्ष के लिए कृषि आयकर माफ करके चाय उद्योग को राहत देने का भी प्रयास किया गया है। समाज सेवा क्षेत्र के लिए आवंटन भी 2010-11 के आंकड़ों से 10.7 गुना बढ़कर 73,441 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
बजट में 2022-23 वित्तीय वर्ष के लिए राज्य के अपने कर राजस्व को 3.76 गुना बढ़ाकर 79,347 करोड़ रुपये करने का भी प्रस्ताव है। इस बीच, विधानसभा में बजट पेश करने के दौरान भाजपा विधायकों ने नारेबाजी की, खाली पदों को भरने की मांग की, इसके अलावा राज्य में संकटग्रस्त चाय बागानों का मुद्दा उठाया। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, बजट में कुछ भी नया नहीं है। कोई नई परियोजना नहीं है, सड़कों या पुलों के लिए कोई प्रस्ताव नहीं है। बजट आम आदमी को कुछ नहीं देगा। राज्य सरकार ने केवल केंद्रीय परियोजनाओं के नाम बदल दिए हैं और उन्हें राज्य परियोजनाओंके रूप में चलाया जा रहा है। वे लोगों से झूठ बोल रहे हैं। हम इसे स्वीकार नहीं करने जा रहे हैं।
(आईएएनएस)
Created On :   11 March 2022 7:30 PM GMT