चौकसी की हाईकोर्ट से मांग, मुझे भगौड़ा घोषित मत करो, एंटिगुआ-बाराबुडा इलाज कराने का दावा 

Vigilance demanded from the High Court, do not declare me a fugitive, Antigua-Barabuda claims to get treatment
चौकसी की हाईकोर्ट से मांग, मुझे भगौड़ा घोषित मत करो, एंटिगुआ-बाराबुडा इलाज कराने का दावा 
पीएनबी घोटाला चौकसी की हाईकोर्ट से मांग, मुझे भगौड़ा घोषित मत करो, एंटिगुआ-बाराबुडा इलाज कराने का दावा 
हाईलाइट
  • पीएनबी के करोड़ो रुपए के घोटाले मामले में आरोपी है चोकसी
  • बांबे हाईकोर्ट में दायर की याचिका

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के करोड़ो रुपए के कथित घोटाले के मामले में आरोपी मेहुल चोकसी ने बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में चोकसी ने मांग की है कि चूंकि वे यात्रा करने में असमर्थ है इसलिए मुंबई की कोर्ट में उन्हें भगौड़ा घोषित करने को लेकर चल रही कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगा दी जाए। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फगेडिव इकोनामिक अफेंडर एक्ट के प्रावधानों के तहत चोकसी को भगौडा आर्थिक घोषित करने की मांग को लेकर मुंबई की विशेष अदालत में आवेदन दायर किया है। 

न्यायमूर्ति एसके शिंदे के सामने चोकसी के आवेदन पर सुनवाई हुई। इस दौरान चोकसी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता विजय अग्रवाल ने कहा कि डोमनिका की हाईकोर्ट की ओर से लगाई शर्तों के मद्देनजर मुंबई की निचली अदालत में चोकसी को भगौड़ा घोषित करने की मांग को लेकर चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी जाए। आवेदन में चौकसी ने कहा है कि डोमनिका की कोर्ट ने उन्हें एंटिगुआ व बाराबुडा में मस्तिष्क से जुड़ी अपनी तकलीफ का इलाज कराने की छूट दी है। इलाज के बाद यदि डाक्टर उन्हें फिट घोषित करते हैं तो वे पहले डोमनिका में मुकदमे का सामना करेंगे। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि मैं (चोकसी) मुकदमों का सामना करने के लिए भारत आने से इनकार कर रहा हूं। इसलिए मुझे भगौड़ा न घोषित किया जाए। चोकसी ने आवेदन में कहा है कि वे खुद के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होने के काफी पहले देश से बाहर आ गए थे। ऐसा मैंने किसी मुकदमेबाजी से बचने के लिए नहीं किया था। सेहत ठीक न होने व यात्रा करने में असमर्थ होने के चलते मैं भारत नहीं आ पा रहा हूं।

सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अग्रवाल ने कहा कि जब डोमनिका कोर्ट ने आदेश जारी किया था उस समय भारतीय अथारिटी के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। इस स्थिति में अब यहां की कोर्ट में तर्क देना की चोकसी जानबूझकर भारत नहीं आ रहे हैंस पूरी तरह से अनुचित है। इस दौरान ईडी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता हितेन वेणेगांवकर ने चोकसी के आवेदन का विरोध किया और आवेदन पर जवाब देने के लिए समय की मांग की। इसके बाद न्यायमूर्ती ने मामले की सुनवाई को स्थगित कर दिया।

 

Created On :   19 Nov 2021 8:14 PM IST

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