Budget-2020:वित्तमंत्री ने इतिहास का सबसे लंबा बजट पढ़ा, 161 मिनट बोलने के बाद भी नहीं पढ़ पाई आखिरी दो पन्ने
- आजाद भारत के 73 साल के इतिहास में अब तक कुल 91 बजट पेश किए जा चुके हैं
- बजट 2020 वित्तमंत्री का सबसे लंबा भाषण
- 132 बार टैक्स शब्द का प्रयोग किया
- बजट में 18 हजार 926 शब्द थे
- जिसे पढ़ने के लिए वित्तमंत्री ने 161 मिनट का समय लिया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बजट-2020 में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का दूसरा और इस दशक का पहला बजट शनिवार को संसद भवन में दुनिया के सामने रखा। इसमें वित्तमंत्री ने 17 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए इतिहास का सबसे लंबा बजट दिया।
दरअसल, आजाद भारत के 73 साल के इतिहास में अब तक कुल 91 बजट पेश किए जा चुके हैं। इनमें समय और शब्द संख्या दोनों के लिहाज से सबसे लंबा बजट भाषण वित्तमंत्री ने दिया। दशक के पहले आम बजट में 18 हजार 926 शब्द थे, जिसे पढ़ने के लिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 161 मिनट (2 घंटे 41 मिनट) का समय लिया। हालांकि 161 मिनट बोलने के बाद वित्तमंत्री की तबियत खराब होने लगी और वे आखिरी के दो पन्ने नहीं पढ़ पाईं। बजट पढ़ते वक्त वित्तमंत्री पसीना-पसीना हो गईं, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने उन्हें पानी दिया। वित्तमंत्री की जगह लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने बजट के शेष हिस्से को पढ़ा।
वित्तमंत्री सीतारमण से पहले समय के हिसाब से सबसे लंबा बजट भाषण देने का रिकॉर्ड जसवंत सिंह के नाम था। उन्होंने 17 साल पहले यानी 2003 में 133 मिनट (2 घंटे 13 मिनट) तक भाषण दिया था। वहीं साल 2014 में तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली के बजट भाषण की सीमा करीबन 2 घंटे 10 मिनट था। वित्तमंत्री सीतारमण ने बजट 2019 में 2 घंटे 17 मिनट का भाषण रहा था, इस बार उन्होंने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया। वहीं इंदिरा गांधी के बाद सीतारमण दूसरी महिला वित्तमंत्री बन गई हैं, जिन्होंने लगातार दूसरी बार बजट भाषण पेश किया।
समय के हिसाब से सबसे लंबा बजट भाषण
पेश किया | समय | साल |
निर्मला सीतारमण | 2 घंटे 41 मिनट | 2020 |
जसवंत सिंह | 2 घंटे 13 मिनट | 2003 |
अरुण जेटली | 2 घंटे 10 मिनट | 2014 |
निर्मला सीतारमण | 2 घंटे 05 मिनट | 2019 |
वित्तमंत्री ने भाषण के दौरान सबसे ज्यादा 132 बार टैक्स शब्द बोला
2 घंटे 41 मिनट के पूरे भाषण में टैक्स शब्द का इस्तेमाल 132 बार किया गया। किसान शब्द का प्रयोग 12 बार तो वहीं युवा शब्द का प्रयोग 11 बार किया गया। जहां विपक्षी दल हर बार सरकार को रोजगार पर घेरते हुए नजर आती है तो वहीं इस बार बजट में रोजगार शब्द का प्रयोग कुल 7 बार किया गया। इस भाषण में बैंक शब्द का प्रयोग 23 बार तो लोन शब्द का प्रयोग 6 बार किया गया। बजट 2020 भाषण में महिला शब्द का इस्तेमाल 10 बार किया गया तो वहीं गांव शब्द का जिक्र 1 बार ही किया गया। ग्रामीण शब्द का जिक्र 4 बार और अर्बन भी 4 बार, शहर शब्द का जिक्र 15 बार तो शहरों शब्द का जिक्र 5 बार किया, प्रधानमंत्री शब्द का जिक्र कुल 15 बार किया है। जॉब शब्द का जिक्र 8 बार तो वहीं एजुकेशन शब्द का जिक्र 19 बार किया गया।
1991 के बजट भाषण में 18,650 शब्द थे, जिसे मनमोहन सिंह ने पढ़ा था
शब्द के हिसाब से सबसे लंबे भाषण का रिकॉर्ड सीतारमण से पहले कांग्रेस के पूर्व वित्त मंत्री मनमोहन सिंह के नाम था। जिनके 1991 के बजट भाषण में 18,650 शब्द थे। इस मामले में अरुण जेटली दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें नबर पर रहे।
किसने पेश किया | शब्द | साल |
निर्मला सीतारमण | 18,926 | 2020 |
मनमोहन सिंह | 18,650 | 1991 |
अरुण जेटली | 18,604 | 2017 |
अरुण जेटली | 18,122 | 2015 |
अरुण जेटली | 17,991 | 2018 |
हिरूभाई ने 800 शब्दों का सबसे छोटा बजट भाषण दिया था
1977 में हिरूभाई एम पटेल ने अंतरिम बजट पेश करते हुए 800 शब्दों का सबसे छोटा बजट भाषण दिया था। मोरारजी देसाई ने सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश किया है। उनके बाद पी चिदंबरम हैं, जिन्होंने 9 बार बजट पेश किए हैं।
Created On :   2 Feb 2020 12:34 AM IST