Extradition of Nirav Modi: नीरव मोदी को भारत लाने का रास्ता साफ, प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन की गृहमंत्री ने दी मंजूरी

Uk Government Approves Extradition Of Nirav Modi Says Cbi Official
Extradition of Nirav Modi: नीरव मोदी को भारत लाने का रास्ता साफ, प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन की गृहमंत्री ने दी मंजूरी
Extradition of Nirav Modi: नीरव मोदी को भारत लाने का रास्ता साफ, प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन की गृहमंत्री ने दी मंजूरी
हाईलाइट
  • तेरह हजार करोड़ के पीएनबी घोटाले का आरोपी है नीरव
  • फिलहाल ब्रिटेन की जेल में बंद है भगोड़ा हीरा कारोबारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। PNB घोटाले में वॉन्टेड हीरा कारोबारी नीरव मोदी के भारत प्रत्यपर्ण को लेकर ब्रिटेन में कार्रवाई तेज हो गई है। ब्रिटेन के गृह विभाग ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। अब उसका भारत आना तय हो गया है। फरवरी में ब्रिटेन की वेस्टमिन्सटर कोर्ट में नीरव के प्रत्यर्पण पर आखिरी सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने भी नीरव को भारत भेजने की मंजूरी दे दी थी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) काफी समय से पंजाब नेशनल बैंक (PNB) धोखाधड़ी मामले में आरोपी नीरव के प्रत्यर्पण का इंतजार कर रही है।

अब भी आसान नहीं है प्रत्यर्पण
ब्रिटेन के गृह विभाग ने भले नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की अनुमति दे दी हो, लेकिन उसके पास इस निर्णय को चुनौती देने का विकल्प अभी भी मौजूद है। नीरव मोदी इस फैसले को 14 दिन के अंदर ब्रिटिश अदालत में चुनौती दे सकता है।

इस साल 25 फरवरी को ब्रिटेन की एक अदालत ने 13,500 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाला मामले में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की अनुमति दी थी। केंद्र सरकार 2018 में भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून लाई थी, जिसमें भगोड़े अपराधियों की संपत्ति को जब्त करने का प्रावधान है। जब्त करने का आदेश निकलने के 90 दिन बाद इन संपत्तियों को नीलाम किया जा सकता है। इसके पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत नीरव मोदी की करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है।

वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के जिला न्यायाधीश सैमुअल गूजे ने मनी लॉन्ड्रिंग के लिए मोदी के खिलाफ प्रथम ²ष्टया सबूत को स्वीकार करते हुए कहा था, इनमें से कई मामले भारत में मुकदमे के लिए हैं। मैं फिर से संतुष्ट हूं कि इस बात के सबूत हैं कि उन्हें दोषी ठहराया जा सके। सीबीआई ने तब भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के अपने प्रयासों में ब्रिटेन की अदालत के फैसले को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि करार दिया था।

लगभग दो साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद यह फैसला सुनाया गया था। भारत में हिरासत की स्थिति और चिकित्सा व्यवस्था पर संतोष व्यक्त करते हुए, अदालत ने कहा था, बैरक 12 में स्थितियां (मुंबई में आर्थर रोड जेल में) लंदन में उनके वर्तमान सेल से कहीं बेहतर दिखती हैं।

नीरव मोदी के पक्ष में कहा गया था कि कोविड-19 महामारी के दौरान उनकी बिगड़ती सेहत और भारतीय जेलों की खराब स्थितियों को देखते हुए उन्हें भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता है। 19 मार्च, 2019 को प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किए गए मोदी पर मनी लॉन्ड्रिंग, सबूत नष्ट करने और गवाहों को डराने की साजिश रचने का आरोप है। नीरव मोदी के मामा और गीतांजलि समूह के प्रमुख मेहुल चोकसी भी इस मामले में आरोपी है और उसके खिलाफ भी जांच की जा रही है। कहा जा रहा है कि वह फिलहाल एंटीगुआ में है।

Created On :   16 April 2021 11:55 PM IST

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