MP: बीजेपी में कमलनाथ ने लगाई सेंध, कांग्रेस के साथ आए दो MLA
- कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिरने के बाद अब बीजेपी की नजर मप्र सरकार पर है
- दंड संशोधन विधेयक पर वोटिंग के दौरान बीजेपी के दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की
- शरद कोल और नारायण त्रिपाठी ने कमलनाथ सरकार के पक्ष में वोटिंग की
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार के गिरने के बाद अब बीजेपी की नजर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर है, लेकिन बीजेपी "ऑपरेशन लोटस" के जरिए मध्य प्रदेश में कुछ बड़ा उलटफेर कर पाती उससे पहले ही उसे एक बड़ा झटका लग गया। बुधवार को मध्य प्रदेश विधानसभा में दंड संशोधन विधेयक पर वोटिंग के दौरान बीजेपी के दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी।
कांग्रेस ने दिखाया दम
बीजेपी के दोनों विधायक नारायण त्रिपाठी एवं शरद क़ौल कांग्रेस पार्टी की रीति-नीति से प्रभावित होकर कांग्रेस के साथ आये हैं - सुरेश पचौरी pic.twitter.com/ZZssP8QSLu
— MP Congress (@INCMP) July 24, 2019
म.प्र विधानसभा में आज दंड विधि संशोधन विधेयक पर मत विभाजन में भाजपा के दो विधायकों नारायण त्रिपाठी (मैहर) शरद कौल (ब्यौहारी) ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर सरकार की नीतियों से सहमति जताई है। साथ ही बार बार अल्पमत की सरकार कहने वाले भाजपा के नेताओं को आइना भी दिखाया है।
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) July 24, 2019
बीजेपी के दो विधायकों शरद कोल और नारायण त्रिपाठी ने विधानसभा में कमलनाथ सरकार के पक्ष में वोटिंग की है। शरद कोल ब्यौहारी से विधायक है जबकि नारायण त्रिपाठी मैहर से। क्रॉस वोटिंग के बाद त्रिपाठी ने कहा, "बीजेपी में खुद को अपेक्षित महसूस कर रहा था। शिवराज सिंह चौहान ने उप चुनाव के समय मेरे क्षेत्र में इतनी घोषणा कर डाली जिन पर काम नहीं हुआ। क्षेत्र की जनता के सामने जवाब देना मुश्किल हो रहा था। कांग्रेस मेरा पुराना घर है, अपने घर वापस आया हूं। सरकार का खुलकर समर्थन करता हूं। मुझे उपचुनाव और इस्तीफे का डर नहीं है। मैहर के विकास के लिए जो भी बनेगा वो करूंगा।"
कमलनाथ बोले - दूध का दूध और पानी का पानी हो गया
दो बीजेपी विधायकों के कांग्रेस के साथ आने पर सीएम कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी बहुत दावे कर रही थी, अब दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। बीजेपी को दूसरा का घर तोड़ने की बहुत इच्छा रहती है, लेकिन वो खुद अपने ही विधायकों को नहीं रोक पाई।
दंड संशोधन विधेयक पर वोटिंग के दौरान सरकार के पक्ष में 122 वोट पड़े। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने क्रॉस वोटिंग के बाद आरोप लगाया कि 12 सदस्यों ने दो-दो जगह हस्ताक्षर किए हैं। इस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के आरोपों पर अभी वेरीफाई किया जाना चाहिए। कमलनाथ ने कहा, "बीजेपी कहती है कि हम अल्पसंख्यक सरकार हैं और किसी भी दिन गिर सकते हैं। आज विधानसभा में मतदान (दंड संशोधन विधेयक पर), भाजपा के दो विधायकों ने हमारी सरकार के पक्ष में मतदान किया।
इससे पहले गोपाल भार्गव ने सदन में कहा था कि, "कोई हमें चुनौती देगा और अभिमान वाली बात करेगा तो उसको जवाब दिया जाएगा। जब जनता चाहेगी तो हम मध्य प्रदेश सरकार गिरा देंगे। जब स्वार्थ के आधार पर सरकार बनती तो कभी भी गिर सकती है।"
बता दें कि मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस 114 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। हालांकि, बहुमत के लिए 116 विधायकों की अवश्यकता होती है। कमलनाथ ने बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई है। विधानसभा में 4 निर्दलीय विधायक हैं। 2 विधायक बसपा से हैं और एक विधायक समाजवादी पार्टी से है। उधर, बीजेपी के पास 109 विधायक थे, लेकिन हाल ही में रतलाम-झाबुआ सीट से सांसद बनने के बाद स्थानीय बीजेपी विधायक ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया जिसके बाद अब बीजेपी के पास 108 विधायक बचे हैं।
Created On :   24 July 2019 12:57 PM GMT