लोकसभा चुनाव: '19' के रण में इन हाईप्रोफाइल सीटों पर है सबकी नजर
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में इस बार जनता अपना प्रधानमंत्री किसे चुनेगी ? 23 मई को आने वाले नतीजे बताएंगे क्या इस बार जनता फिर नरेन्द्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री चुनेगी या देश को प्रधानमंत्री के रूप में नया चेहरा मिलेगा। लोकतंत्र के इस महापर्व में सात चरणों में मतदान के बाद अब परिणाम का समय आ चुका है। सत्ता पक्ष में काबिज NDA दोबारा मजबूत सरकार बनाने का दावा कर रही है। वहीं UPA को उम्मीद है कि इस बार परिणाम उनके पक्ष में आने वाले हैं। हालांकि EXACT POLL से पहले आए EXIT POLL के परिणाम NDA के पक्ष हैं, लेकिन 23 मई को वास्तविक स्थिति बताएगी की सत्रहवीं लोकसभा में किसकी सरकार बनेगी ?
लोकसभा चुनाव 2019 में देश के 29 राज्य और 7 केन्द्र शासित प्रदेश में 543 लोकसभा सीटों पर सात चरणों में मतदान कराया गया। कुल 8,062 उम्मीदवारों के लिए 90 करोड़ 37 लाख 38 हजार 697 मतदाताओं ने मतदान किया। मतदान के लिए 10 लाख 20 हजार 968 पोलिंग स्टेशन बनाए गए थे। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 46 हजार 85 लाख और महिला मतदातओं की संख्या 43 लाख 52 और 38 हजार 697 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल थे।
लोकतंत्र के इस महाचुनाव में 543 सीटों में वाराणसी, अमेठी, वायनाड और भोपाल जैसी कई हाई प्रोफाइल सीटों पर दिग्गजों की किस्मत दांव पर लगी हुई है। इन सीटों पर बीजेपी, कांग्रेस, बसपा, टीएमसी समेत कई पार्टियों के दिग्गज नेताओं ने चुनाव लड़ा है। हर किसी की दिलचस्पी इन सीटों पर आने वाले परिणामों पर बनी हुई है। आइए जानते है कौन-कौन सी सीटें हैं हाई प्रोफाइल ..
जबलपुर
मध्य प्रदेश की जबलपुर सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है। इस सीट पर 1996 के बाद से बीजेपी के अलावा कोई दूसरी पार्टी जीत हासिल नहीं कर पाई है। 1951 से 1974 तक इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा था। राकेश सिंह साल 2004 से इस सीट पर सांसद है। बीते चुनाव 2014 में विवेक तन्खा राकेश सिंह से हार गए थे। इस बार कांग्रेस ने विवेक तन्खा का राकेश सिंह के मुकाबले में उतारा है।
गुना
लोकसभा की गुना संसदीय सीट से कांग्रेस के कब्जे वाली सीट रही है। यहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया 17 साल से सांसद हैं। इस बार सिंधिया के मुकाबले में बीजेपी ने केपी यादव को मैदान में उतारा है। साल 2014 में सिंधिया ने बीजेपी के जयभान सिंह पवैया को 1 लाख 20 हजार वोटों के अंतर से हराया था।
हैदराबाद
तेलंगाना की हैदराबाद सीट पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इस्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के असदुद्दीन ओवैसी समेत कुल 15 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर अब तक कुल 16 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं, जिनमें से 8 बार AIMIM ने जीत दर्ज की है जबकि कांग्रेस को 6 बार जीत मिली है। वहीं एक बार तेलंगाना प्रजा समिति ने जीत दर्ज की है। साल 2014 में AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इस सीट से लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की थी। उन्होंने बीजेपी के डॉ. भगवंत राव को 3 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था। इस सीट से बीजेपी के उम्मीदवार डॉ. भगवंत राव, कांग्रेस पार्टी से मोहम्मद फिरोज खान मैदान में है।
नॉर्थ मुंबई
महाराष्ट्र राज्य की नॉर्थ मुंबई सीट से कांग्रेस ने इस बार फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर को मैदान में उतारा है। उर्मिला का मुकाबला बीजेपी के गोपाल शेट्टी से होगा। बता दें कि हाल ही में उर्मिला ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली है। नॉर्थ मुंबई सीट की बात करें तो साल 2014 में मोदी लहर में गोपाल शेट्टी ने संजय निरूपम को हरा दिया था।
पटना साहिब
बिहार की सबसे वीआईपी सीट पटना साहिब से बीजेपी के प्रत्याशी केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और कांग्रेस के उम्मीदवार शुत्रघ्न सिन्हा आमने-सामने हैं। अपने बयानों की वजह से निशाने पर आए शुत्र ने हाल ही में बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन की है। साल 2014 में बतौर बीजेपी उम्मीदवार शुत्र ने कांग्रेस के कुणाल सिंह को 2 लाख 20 हजार वोटों से मात दी थी।
पूर्वी दिल्ली
दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों में से एक पूर्वी दिल्ली से बीजेपी ने इस बार भारतीय किक्रेट टीम के पूर्व बल्लेबाज गौतम गंभीर को मैदान में उतारा है। गौतम गंभीर कुछ दिन पहले बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है। गौतम गंभीर को महेश गिरि की जगह खड़ा किया गया है। गौतम का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार अरविंदर सिंह लवली से है। वहीं आम आदमी पार्टी ने आतिशी को मैदान में उतारा है। साल 2014 में बीजेपी के महेश गिरि ने कांग्रेस प्रत्याशी संदीप दीक्षित, बसपा प्रत्याशी मोहम्मद शकील सैफी और आप पार्टी के राजमोहन गांधी को हराया था।
आजमगढ़
उत्तर प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक आजमगढ़ से इस बार समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव लड़ रहे हैं। बीजेपी ने अखिलेश के मुकाबले में भोजपुरी फिल्म अभिनेता दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को उम्मीदवार बनाया है। साल 2014 में आजमगढ़ सीट से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने चुनाव लड़ा था। मुलायम ने बीजेपी उम्मीदवार रमाकांत यादव को 2 लाख 77 हजार 102 वोटों से हराया था। आजमगढ़ इस बार अपना आखिरी चुनाव मैनपुरी सीट से लड़ रहे हैं।
गुरदासपुर
पंजाब प्रांत के गुरदासपुर सीट पर भले ही कांग्रेस का कब्जा हो, लेकिन ये सीट बीजेपी के लिए सुरक्षित सीट मानी जाती है। विनोद खन्ना के निधन के बाद साल 2017 में इस सीट पर उपचुनाव हुए थे। कांग्रेस उम्मीदवार सुनील जाखड़ ने 1 लाख 93 हजारों मतों के अंतर से बीजेपी के सवर्ण सिंह सलारिया को हराया था। इस बार बीजेपी ने मशहूर फिल्म अभिनेता सनी देओल को जाखड़ के खिलाफ मैदान में उतारा है। बता दें कि गुरदासपुर से विनोद खन्ना चार बार सांसद चुने गए हैं।
नागपुर
संतरों के शहर नागपुर में गुरु-चेले के बीच मुकाबला देखा जाएगा। बीजेपी ने केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी को उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस ने नाना पटोले पर दांव खेला है। पटोले पहले बीजेपी के नेता रहे चुके हैं और गडकरी को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं। साल 2014 में इस सीट पर गडकरी ने कांग्रेस के विलास मुत्तेवार को 3 लाख से ज्यादा मतों के अंतर से हराया था।
लखनऊ
नवाबों के शहर लखनऊ से केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। राजनाथ सिंह के मुकाबले में कांग्रेस ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को उम्मीदवार बनाया है। वहीं बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए शुत्रघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा भी समाजवादी पार्टी की ओर से चुनाव लड़ रही हैं। बीजेपी के लिए ये सीट सुरक्षित मानी जाती है। साल 2014 में राजनाथ सिंह ने कांग्रेस की रीता बहुगुणा को 2 लाख 72 हजार 749 मतों के अंतर से चुनाव हराया था।
जयपुर (ग्रामीण)
लोकसभा की इस सीट पर दो पूर्व ओलिंपियंस के बीच मुकाबला है। बीजेपी ने केन्द्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को उम्मीदवार बनाया है। जबकि कांग्रेस ने कृष्णा पूनिया को मैदान में उतारा है। राज्यवर्धन ने साल 2004 के एथेंस ओलिंपिक में डबल ट्रैप शूटिंग में सिल्वर मेडल जीता था। वहीं, पूनिया 2012 के लंदन ओलिंपिक गेम्स की डिस्कस थ्रो इवेंट में छठे नंबर पर रही थीं। साल 2014 के चुनाव में राज्यवर्धन ने दिग्गज कांग्रेस नेता सीपी जोशी को 3 लाख से ज्यादा वोटों से करारी शिकस्त दी थी।
बेगूसराय
बिहार राज्य की बेगूसराय सीट भी इस बार चर्चाओं में बनी हुई है। इस सीट पर सीपीआई ने देश विरोधी नारों के बाद से चर्चाओं में आए जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैयाकुमार को उम्मीदवार बनाया है। वहीं बीजेपी ने केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और राष्ट्रीय जनता दल ने तनवीर हसन को मैदान में उतारा है। इस सीट पर भले त्रिकोणी मुकाबला हो, लेकिन कन्हैया और गिरिराज के बीच कांटे की टक्कर देखी जा रही है। बता दें कि साल 2014 में यहां से बीजेपी के प्रत्याशी डॉ भोला सिंह ने जीत हासिल की थी।
रायबरेली
उत्तर प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक रायबेरली यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी का गढ़ मानी जाती है। इस सीट पर सोनिया गांधी पांचवी बार चुनौती पेश कर रही हैं। सोनिया के मुकाबले में बीजेपी ने दिनेश प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है। बताया जा रहा है की दिनेश प्रताप सिंह से सोनिया गांधी को कड़ी चुनौती मिल सकती है। बता दें कि फिरोज गांधी और इंदिरा गांधी भी इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन कोई भी यहां से चार बार से ज्यादा चुनाव जीतकर लोकसभा नहीं गया है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सोनिया गांधी यहां से पांचवी बार चुनाव जीत सकती है।
वायनाड
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस बार अमेठी के अलावा केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं। 2008 में अस्तिव में आई इस सीट पर कांग्रेस कभी नहीं हारी है। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी एमआई शानवास 20,870 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। शानवास को 3,77,035, दूसरे नंबर पर सीपीआईएम के मोकेरी को 3,56,165 वोट मिले थे। वहीं बीजेपी प्रत्याशी पीआर रस्मिलनाथ 80,752 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर थे। बीजेपी ने इस बार राहुल के मुकाबले में तुषार वेल्लापल्ली को उम्मीदवार बनाया है।
अमेठी
कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली इस सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव लड रहे हैं। राहुल के खिलाफ बीजेपी ने केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को मैदान में उतारा है। स्मृति साल 2014 में भी इसी सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि उन्हें 1,07,903 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। 2014 में राहुल गांधी को 4,08,651 वोट और ईरानी को 3,00,748 मत मिले थे, लेकिन इस बार यहां मुकाबला पहले से भी ज्यादा टक्कर का बताया जा रहा है।
वाराणसी
उत्तर प्रदेश में गंगा तट के वासियों की इस सीट पर खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उम्मीदवार है। ये सीट भी बीजेपी का गढ़ रही है। पीएम मोदी के मुकाबले में समाजवादी पार्टी ने शालिनी यादव और कांग्रेस ने अजय राय को मैदान में उतारा है। साल 2014 में पीएम मोदी के मुकाबले में इस सीट से आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव लड़ा था। इस बार ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि प्रियंका गांधी भी इस सीट से चुनाव लड़ सकती है। हालांकि बाद में इन अटकलों पर खुद प्रियंका ने विराम लगा दिया था।
भोपाल
लोकसभा चुनाव 2019 में भोपाल लोकसभा सीट सबसे ज्यादा चर्चाओं में रही है। कांग्रेस ने इस सीट से दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है। वहीं बीजेपी ने दिग्विजय के मुकाबले में मालेगांव बम ब्लास्ट मामले की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को चुनावी मैदान में उतारा है। साध्वी का नाम सामने आने के बाद यह कहा जाने लगा है कि भोपाल सीट पर लड़ाई जनहित के मुद्दों से ज्यादा धर्मयुद्ध में बदल चुकी है। बीजेपी का गढ़ कही जाने वाली इस सीट पर वर्तमान में अलोक संजर सांसद हैं।
Created On :   22 May 2019 10:22 AM IST