विदेशी युवतियों के साथ संबंध बनाने से हुआ मंकीपॉक्स! दिल्ली में मिला पहला मरीज, सही जानकारी न देने से पुलिस परेशान
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आ चुका है। इसकी पुष्टि 31 साल के एक युवक में रविवार हो चुकी है। इसके साथ भारत में मंकीपॉक्स के कुल मामले बढ़कर 4 हो चुके हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि जिस युवक में मंकीपॉक्स वायरस की पुष्टि हुई है, उसने कोई विदेश यात्रा नहीं की है।
पूछताछ के दौरान युवक ने बताया था कि पिछले महीनें उसने शिमला की एक पार्टी में शामिल हुआ था। लेकिन युवक जिस होटल में ठहरा था, उस होटल के नाम का खुलासा नहीं कर रहा है। जिसकी वजह से दिल्ली पुलिस को इस वायरस को ट्रेस करने में समस्या हो रही है। अब कयास यही लगाया जा रहा है कि युवक पार्टी के दौरान किसी विदेशी के संपर्क में आया होगा,जो पहले से ही मंकीपॉक्स से इंफेक्टेड थी। हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है।
संपर्क में आए हुए लोगों को किया गया आइसोलेट
केंद्र सरकार की तरफ से जारी गाइडलाईन के मुताबिक, मरीज के संपर्क में आए 13 लोगों को 21 दिनों के लिए उनके घरों में आइसोलेट कर दिया गया है। आइसोलेट किए लोगों की तबीयत फिलहाल ठीक है। किसी में भी मंकीपॉक्स के लक्षण नहीं हैं। अधिकारियों के मुताबिक, मामले की जानकारी बीते शुक्रवार को हो चुकी थी। जिसके बाद मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीज को दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती किया था। रविवार को रिपोर्ट की जांच में मंकीपॉक्स की पुष्टि संदिग्ध में हुई थी। इससे पहले केरल में मंकीपॉक्स के 3 मरीज सामने आए थे।
बता दें कि दिल्ली के जिस युवक में यह वायरस मिला है, उसने कोई भी विदेश यात्रा नहीं की है। हालांकि जून के आखिरी सप्ताह में युवक अपने दोस्तों के साथ मनाली घूमने गया था। युवक कभी शिमला के मशोबरा में पार्टी की बात करता है तो कभी मनाली की पार्टी में शामिल होने की बात करता है। इस कारण वायरस को ट्रेस करने में दिक्कत आ रही है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि युवक के अंदर वायरस सेक्सुअल इंटरकोर्स की वजह से ही फैला है। यही कारण है कि शख्स पार्टी वाले होटल की जानकारी देने से बच रहा है।
शुरू की गई मंकीपॉक्स वायरस की टेस्टिंग
दिल्ली में मंकीपॉक्स आने के बाद इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कई राज्यों में टेस्टिंग करने का फैसला लिया है। इसको लेकर अलग- अलग राज्यों में 15 लैब तैयार करवाए जा रहे हैं। दिल्ली की बात करें तो, इस वायरस की टेस्टिंग की सुविधा केवल एम्स में उपलब्ध होगी। आईसीएमआर के वैज्ञानिकों के मुताबिक, अगर आगे मंकीपॉक्स के मामले बढ़ते है तो और लैब तैयार की जाएंगे। आईसीएमआर के वैज्ञानिक डॉ. लोकेश शर्मा ने बताया कि आईसीएमआर की वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी (वीआरडीएल) में विभिन्न वायरस के टेस्ट किए जाते हैं और इस वक्त पूरे देश में 120 लैब है।
इन सारे लैब्स में केवल कोविड के ही टेस्ट हो रहे थे, लेकिन अब इनके अंदर मंकीपॉक्स के टेस्ट की सुविधा भी की जा रही है। गौरतलब है कि अब तक दुनिया के 75 देशों में यह वायरस फैल चुका है। जिसमें 16 हजार से ज्यादा मामलें आ चुके हैं और 5 लोगों की जान भी जा चुकी है।
किस प्रकार का वायरस है मंकीपॉक्स?
एलएनजेपी के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि मंकीपॉक्स डीएनए वायरस है, जबकि कोराना आरएनए वायरस है। मंकीपॉक्स हवा में नहीं फैलता, बल्कि ये मरीज के संपर्क में आने से, उसके ड्रॉपलेट्स या शारीरिक संबंध की वजह से एक- दूसरे में फैल सकता है। इस वायरस से संक्रमित इंसान को फीवर, गले में खराश के अलावा सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके आलावा चिकनपॉक्स की तरह शरीर में रैशेज व दाने बन जाते है। ठीक होने की अवधि 5 से 21 दिन है। वैसे देश में इस वायरस के मिलने की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं।
Created On :   25 July 2022 8:18 PM IST