यूक्रेन के हमलों में तबाह हो रहे अत्याधुनिक रूसी हथियारों की तबाही बनी भारत की चिंता का सबब, हो सकता है बड़ा घाटा!
- भारत को अब फिर से अपनी रणनीति पर विचार करना होगा।
डिजिटल डेस्क, भोपाल, राजा वर्मा। यूक्रेन और रूस के बीच लगातार 17वें दिन भी जंग जारी है। इस युद्ध ने यूक्रेन के कई शहरों में तबाही मचा दी है। रूस ने जब से यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई की है तब से रूसी सेना कई शहरों पर लगातार हमले कर रही है लेकिन वहीं यूक्रेन की सेना ने भी रूस की सेना के सामने घुटने नहीं टेके हैं और रूसी सेना को मुंह तोड़ जवाब दे रही है। रूस और यूक्रेन के बीच जब युद्ध की शुरूवात हुई थी तब जानकार कह रहे थे कि रूसी सेना के सामने यूक्रेनी सेना जल्द ही घुटने टेक देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके पीछे की मुख्य वजह जो मानी जा रही है वह है यूक्रेन के हथियार जो अब भारत की भी चिंता बढ़ा रहे हैं। यूक्रेन की सेना रूसी सेना के सामने काल बनकर खड़ी है। एक ओर रूसी सेना कई शहरों को तबाह कर रही है तो वहीं यूक्रेनी सेना द्वारा रूस के हथियारों को जमकर तबाह किया जाता जा रहा है। रूसी टैंकों पर अमेरिकी जेवलिन मिसाइलें भारी पड़ रही है। इन मिसाइलों के सहारे यूक्रेन की सेना रूसी टैंकों का आसानी से शिकार कर रही है। यहीं नहीं अमेरिकन स्टिंगर मिसाइलें रूस के फाइटर जेट को निशाना बना रही है। यूक्रेन से कई तस्वीरें सामने आ रहीं है जिसमें रूसी हथियारों को नष्ट होते देखा जा सकता है। बताया यह भी जा रहा है कि अपने एयर डिफेंस सिस्टम की सहायता से यूक्रेन ने रूस के अत्याधुनिक SU-34 को मार गिराया है।
Knocked out Russian T-72B3 tank with a roof screen reportedly near Voznesensk, Mikolaiv Oblast. https://t.co/qycsnoXYzg pic.twitter.com/NFt0HKAGKM
— Rob Lee (@RALee85) March 8, 2022
भारत के लिए चिंता की बात
एशिया टाइम्स रिपोर्ट की मानें तो रूस दुनिया भर में बड़ी मात्रा में गेंहू,तेल और गैस के साथ ही हथियार भी निर्यात करता है। भारत हथियार के मामले में रूस पर सबसे अधिक निर्भर है। रूस हथियार के मामले में भारत का सबसे बड़ा पार्टनर है। लेकिन इस युद्ध में रूसी हथियारों का घटिया प्रदर्शन देखकर भारत भी चिंता में पड़ सकता है ,और हो सकता है कि रूस से हथियार निर्यात को लेकर भारत फिर से विचार करे।
दुश्मन देश भी हथियारों से लेस
रूसी हथियारों की यूक्रेन में तबाही ने भारत की चिता इसलिए बढ़ा दी है क्योंकि भारत के दुश्मन देश भी हथियारों से लेस है। चीन और पाकिस्तान से निपटने के लिए भारत को ऐसे हथियारों की आवश्यकता है जो दुश्मन देशों को चकमा दे सके और दुश्मन के प्रहार से भी बच सकें। चीन ज्यादातर हथियार खुद तैयार करता है। चीन के पास भी कई घातक मिसाइलें हैं जो सुखोई को तबाह कर सकती हैं। वहीं पाकिस्तान के पास यूक्रेन की तरह ही अमेरिकी हथियार है जिसका प्रयोग वह दुश्मन देशों के साथ लड़ाई होने पर कर सकता है। पाकिस्तान की वायुसेना के पास भी अमेरिका की स्टिंगर मिसाइलें मौजूद है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए भारत को अब फिर से अपनी रणनीति पर विचार करना होगा।
भारत कर रहा रूसी हथियार का इस्तेमाल
भारत के रूस के साथ प्रारंभ से ही रिश्ते अच्छे रहे है। यही वजह है कि रूस के साथ भारत ने सबसे ज्यादा हथियार खरीदी के सौदे रूस से ही किए हैं। लेकिन यूक्रेन में ऐसे वीडियो साक्ष्य देखने को मिल रहे हैं। आधुनिक अपग्रेडेड रिएक्टिव आर्मर से लैस रूस के टी-72 टैंक को अमेरिकी जेवलिन और ब्रिटेन की NLAW मिसाइलों ने अपने हमले में नष्ट कर दिया। इनकी तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हैं। टी-72 टैंक- यह वही टैंक है जिसे भारतीय सेना इस्तेमाल करती है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के पास लगभग 2000 टी-72 टैंक हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस से भारत 2021 तक 70 मिलियन डॉलर से अधिक के हथियार खरीद चुका है। रूसी विमानों की बर्बादी भारत के लिए चिंता का विषय है। हालांकि भारत ने हथियारों के मामले में तेजी से काम किया है और सेना को अत्याधुनिक तरीके से तैयार किया है। भारत ने रूस के अलावा अमेरिका,फ्रांस और इजराईल जैसे देशों से भी कई अत्याधुनिक तकनीक से लेस हथियार खरीदे है। इसके साथ ही भारत कई हथियारों को अपने ही देश में तैयार कर रहा है। मिसाइलों के मामले में तो भारत ने बहुत तरक्की की है अब भारत भी कई देशों को मिसाइलें बेच भी रहा है। बता दें भारत के पास रूस से लिया गया S-400 एयर डिफेंस सिस्टम भी है जिसे अभी तक का सबसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम माना जाता है। भारत में पहला S-400 एयर डिफेंस सिस्टम पाक और चीन की सरहद पर नजर रखने के लिए तैनात कर दिया गया है। जो दुश्मन देशों के मिसाइल, ड्रोन, राकेट लांचर और फाइटर जेट्स के हमले को मिनटों में रोकने में कारगर है। भारत और रूस के बीच एस-400 की पांच यूनिट के लिए 2018 में करीब 40 हजार करोड़ रुपए की डील हुई थी।
Created On :   12 March 2022 12:05 PM GMT