केंद्र सरकार ने दोषियों की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में की याचिका दायर 

The central government filed a petition in the Supreme Court against the release of the convicts
केंद्र सरकार ने दोषियों की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में की याचिका दायर 
राजीव गांधी हत्याकांड केंद्र सरकार ने दोषियों की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में की याचिका दायर 
हाईलाइट
  • एक हफ्ते पहले ही हुई है रिहाई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजीव गांधी हत्याकांड के आरोपियों की रिहाई के खिलाफ भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में शीर्ष कोर्ट को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की गुजारिश की है। बता दें, 6 दिन पहले यानी कि 11 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी साबित हुए छह लोगों को  रिहा करने का आदेश दिया था। 

अपनी याचिका में केंद्र ने तर्क देते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने पर्याप्त सुनवाई के बिना दोषियों को रिहा कर दिया है। केंद्र ने कहा कि सुनवाई के दौरान प्रक्रियात्मक खामियां हुईं है, जिसमें केंद्र सरकार के भागीदारीना के बराबर रही है। केंद्र ने इसे न्याय का गर्भपात बताया है।

केंद्र ने अपनी याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार को अपनी बात कहने का पर्याप्त अवसर दिए बिना दोषियों की रिहाई का फैसला किया गया. केंद्र ने कहा कि सुनवाई के दौरान प्रक्रियात्मक चूक हुई, जिसकी वजह से केस में केंद्र सरकार की भागीदारी ना के बराबर रही. केंद्र ने इसे न्याय देने में नाकामी करार दिया है।

सरकार ने कहा, "ऐसे संवेदनशील मामले में, भारत सरकार की सहायता लेनी जरूरी थी क्योंकि इस मामले का देश की सार्वजनिक व्यवस्था, शांति और आपराधिक न्याय प्रणाली पर भारी प्रभाव पड़ सकता है।"

एक हफ्ते पहले ही हुई है रिहाई 

सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड के सभी 6 दोषियों को बीते शुक्रवार रिहा करने का आदेश दिया था। शीर्ष कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अगर इन दोषियों पर कोई अन्य मामला नहीं है, तो इन्हें रिहा कर दिया जाए।  

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था, "लंबे समय से राज्यपाल ने इस मामले पर कोई कदम नहीं उठाया तो हम उठा रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में दोषी करार दिए गए पेरारिवलन की रिहाई का आदेश बाकी दोषियों पर भी लागू होगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मई में पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने नलिनी, रविचंद्रन, मुरुगन, संथान, जयकुमार और रॉबर्ट पोयस को रिहा करने का आदेश दिया गया है, जबकि इस मामले में पेरारीवलन पहले ही रिहा हो चुके हैं।

आपको बता दें, राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में हत्या कर दी गई थी। इस दौरान पड़ोसी श्रीलंका से लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) समूह की एक महिला ने उन्हें माला पहनाई थी, जिसके बाद धमाका हो गया था। इस आत्मघाती हमले में 18 लोगों की मौत हुई थी। आत्मघाती हमलावर की पहचान धनु के रूप में हुई थी। इस मामले में कुल 41 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनमें से 12 लोगों की मौत हो गई थी और तीन फरार गए थे। बचे हुए 26 लोग पकड़े गए थे। 

Created On :   17 Nov 2022 9:37 PM IST

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