पद्मश्री सम्मानित जर्मन महिला को नहीं मिला वीजा एक्सटेंशन, सुषमा ने मांगी रिपोर्ट

Swaraj seeks report over visa extension denial to German Padma awardee
पद्मश्री सम्मानित जर्मन महिला को नहीं मिला वीजा एक्सटेंशन, सुषमा ने मांगी रिपोर्ट
पद्मश्री सम्मानित जर्मन महिला को नहीं मिला वीजा एक्सटेंशन, सुषमा ने मांगी रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार को पद्म पुरस्कार सम्मानित एक जर्मन महिला को वीजा एक्सटेंशन न मिलने से संबंधित मामले की रिपोर्ट मांगी है। इस जर्मन नागरिक को वर्ष 2019 में पद्म पुरस्कार से नवाजा गया था। वीजा एक्सटेंशन न मिलने से नाराज जर्मन महिला ने अब पुरस्कार लौटाने की धमकी दी है। जर्मना महिला का वीजा इस साल 25 जून को समाप्त होने वाला है।

61 वर्षीय फ्रीडेरिक इरिना ब्रूनिंग को गायों के कल्याण के लिए उनके अथक प्रयासों को देखते हुए पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सुषमा स्वराज जो अक्सर ट्विटर पर मदद देने के लिए काफी एक्टिव रहती हैं को जब इस बारे में मीडिया रिपोर्ट के माध्यम से पता चला तो उन्होंने तत्काल मामले में रिपोर्ट मांगी। सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर लिखा, "इस मामले को मेरे संज्ञान में लाने के लिए धन्यवाद। मैंने इसकी एक रिपोर्ट मांगी है।"

ब्रूनिंग की वीजा एक्सटेंशन की एप्लिकेशन रिजेक्ट होने के बाद उन्होंने कहा था, "इस पुरस्कार को रखने का क्या मतलब है जब मैं यहां नहीं रह सकती और बीमार गायों की सुरक्षा के लिए अपना काम जारी नहीं रख सकती हूं।" उन्होंने कहा कि "वीजा एक्सटेंशन के लिए उन्होंने आवेदन किया था, लेकिन उसे मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल एफेयर्स के लखनऊ कार्यालय ने खारिज कर दिया। इसका कोई कारण भी नहीं बताया गया।" उन्होंने कहा कि उनका वीजा 25 जून को समाप्त होने वाला है।

ब्रूनिंग उर्फ ​​सुदेवी दासी ने कहा, "मैं यह जानने के लिए मथुरा में स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करूंगी कि आगे क्या किया जाना चाहिए।" उन्होंने कहा, "मैं अपना पुरस्कार लौटाने से निराश जरूर होऊंगी लेकिन वीजा एक्सटेंशन न होने से मेरे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है।" उनके जाने के बाद गौशाला में गायों और बछड़ों का क्या होगा इस बारे में पूछे जाने पर सुदेवी ने कहा, "मुझे नहीं पता कि मेरे जाने के बाद कौन उनकी देखभाल करेगा। मैं उन गायों के बारे में विशेष रूप से चिंतित हूं जो अस्वस्थ हैं।

बता दें कि सुदेवी करीब 25 साल से गायों की देखभाल कर रही है। गौशाला में अधिकांश जानवार वो है जिन्हें उनके मालिकों ने छोड़ दिया है। गौशाला में लगभग 60 कर्मचारी हैं, और लगभग 35 लाख रुपये हर महीने उनके वेतन, खाद्यान्न और दवाओं पर खर्च किए जाते हैं। सुदेवी ने एक छोटे से आंगन में गौशाला शुरू की थी और फिर राधाकुंड वृंदावन में एक बड़ा सुरभि गौशाला निकेतन बनाया था।

Created On :   26 May 2019 6:32 PM IST

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