ईवीएम के इस्तेमाल को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court agrees to hear plea challenging use of EVMs
ईवीएम के इस्तेमाल को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत सुप्रीम कोर्ट
जनहित याचिका ईवीएम के इस्तेमाल को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत सुप्रीम कोर्ट
हाईलाइट
  • ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से हो चुनाव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट बुधवार को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के एक प्रावधान की वैधता के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया। एडवोकेट एम. एल. शर्मा ने अपनी याचिका में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 61(ए) को चुनौती दी है, जिसमें बैलेट पेपर की जगह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम से मतदान कराए जाने का प्रावधान किया गया है।

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस याचिका को सूचीबद्ध किया गया। एडवोकेट शर्मा ने प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन. वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि मामले को पांच राज्यों - गोवा, पंजाब, मणिपुर और उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनावों की पृष्ठभूमि के खिलाफ तत्काल सूचीबद्ध करने की आवश्यकता है। चुनाव 10 फरवरी से 10 मार्च के बीच होंगे।

शर्मा, जिन्होंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में याचिका दायर की, ने प्रस्तुत किया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 61(ए), जो ईवीएम के उपयोग की अनुमति देती है, संसद द्वारा पारित नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि इसे लागू नहीं जा सकता है और उनकी याचिका में प्रावधान को शून्य, अवैध और असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है। मामले में संक्षिप्त सुनवाई के बाद प्रधान न्यायाधीश ने कहा, हम इसे देखेंगे। उन्होंने कहा कि वह याचिका को किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध कर सकते हैं।

शर्मा ने कहा, मैंने याचिका दायर की है, जो रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों के साथ समर्थित है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मामले की न्यायिक टिप्पणी पर ध्यान दिया जा सकता है। याचिका में मामले में कानून मंत्रालय को पक्षकार बनाया गया है। उन्होंने कहा, चुनाव बैलेट पेपर के जरिए होने दें।

 

(आईएएनएस)

Created On :   19 Jan 2022 5:30 PM GMT

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