NASA की मदद से भी नहीं हो सका 'विक्रम' से संपर्क, सिवन ने कहा- फ्यूचर मिशन पर करें फोकस

Sivan tells scientists in internal address to Focus on future missions
NASA की मदद से भी नहीं हो सका 'विक्रम' से संपर्क, सिवन ने कहा- फ्यूचर मिशन पर करें फोकस
NASA की मदद से भी नहीं हो सका 'विक्रम' से संपर्क, सिवन ने कहा- फ्यूचर मिशन पर करें फोकस
हाईलाइट
  • इसरो प्रमुख के सिवन ने वैज्ञानिकों को आने वाले प्रोजेक्ट पर फोकस करने के लिए कहा है
  • नासा के 70-मीटर के एंटीने की मदद से भी विक्रम से संपर्क करने की कोशिश की गई
  • सिवन ने सोमवार (9 सितंबर) को वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को संबोधित किया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चंद्रयान-2 के लैंडर मॉड्यूल विक्रम के चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग में असफल होने के बाद इसरो प्रमुख के सिवन ने वैज्ञानिकों को आने वाले प्रोजेक्ट पर फोकस करने के लिए कहा है। सिवन ने सोमवार (9 सितंबर) को वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने ये बात कही है। इस संबोधन में मौजूद वैज्ञानिकों ने एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए इस बात की पुष्टि की है।

एक इसरो वैज्ञानिक ने कहा, "हमारे अध्यक्ष ने हमें इंटरनल नेटवर्क के माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि चंद्रयान -2 को ऑर्बिटर विज्ञान के लिए 100% सफलता और लैंडिंग प्रौद्योगिकी के लिए 95% सफलता मिली है। सॉफ्ट लैंडिंग के बजाय हमने हार्ड लैंडिंग की है। उन्होंने हमसे कहा कि चिंता न करें और इसके बजाय आने वाले प्रोजेक्ट पर ध्यान केंद्रित करें।"

इसरो की पाइप लाइन में सूर्य के लिए एक मिशन, मानव स्पेसफ्लाइट मिशन, नासा के साथ एक जॉइंट मिशन और अन्य सैटेलाइट मिशन है।

बता दें कि लैंडर विक्रम से संपर्क स्थापित करने की इसरो लगातार कोशिश कर रहा है लेकिन अभी तक उसे सफलता नहीं मिल पाई है। इसरो ने संपर्क स्थापित करने के लिए नासा से भी मदद ली है। इसरो के एक वैज्ञानिक ने बताया कि डीप स्पेस नेटवर्क में मौजूद 32-मीटर एंटीने के अलावा नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के 70-मीटर के एंटीने की मदद से विक्रम से संपर्क करने की कोशिश की गई है। लेकिन विक्रम से कोई सिग्नल नहीं मिला।

इसरो, लैंडर विक्रम की फ्रिक्वेंसी पर हर दिन अलग-अलग कमांड भेज रहा है। इसके अलावा ऑर्बिटर की मदद से भी लैंडर से संपर्क स्थापित करने का प्रयास कर रहा है। विक्रम पर तीन ट्रांसपोंडर और एक फेस्ड अरे एंटीना लगा हुआ है। लैंडर को सिग्नल रिसीव करने, इसे समझने और वापस भेजने के लिए इनका उपयोग करना होगा। विक्रम का ग्राउंड स्टेशन से संपर्क टूटे 72 घंटों से ज्यादा समय हो गया है।

इसरो के प्री-लॉन्च अनुमानों के अनुसार, लैंडर केवल एक चंद्र दिन (पृथ्वी के 14 दिन) के लिए सूर्य का प्रकाश प्राप्त कर सकता है। इसलिए इसरो इन 14 दिनों (21 सितंबर) तक विक्रम से संपर्क की कोशिश करता रह सकता है। 14 दिनों के बाद ठंड की एक लंबी रात होगी, जिसके बाद लैंडर के सिस्टम के ठीक तरह से काम करने की संभावना ना के बराबर है।

 

Created On :   11 Sept 2019 6:25 PM IST

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