एसआईटी ने सेना कर्मियों, स्थानीय लोगों से की पूछताछ

SIT interrogates army personnel, local people in Nagaland massacre
एसआईटी ने सेना कर्मियों, स्थानीय लोगों से की पूछताछ
नागालैंड हत्याकांड एसआईटी ने सेना कर्मियों, स्थानीय लोगों से की पूछताछ
हाईलाइट
  • टीम फोरेंसिक विवरण के लिए नागालैंड के ओटिंग गांव पहुंची
  • जहां यह घटना हुई थी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नागालैंड में स्थानीय लोगों की हत्या की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने भारतीय सेना के 14 जवानों और कुछ स्थानीय लोगों से पूछताछ की। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

स्थानीय पुलिस और सेना के अधिकारियों वाली एसआईटी ने मृतक के रिश्तेदारों और गांव के प्रतिनिधियों के साथ कोन्याक यूनियन और कोन्याक स्टूडेंट्स यूनियन के साथ बैठक भी की।

टीम फोरेंसिक विवरण के लिए नागालैंड के ओटिंग गांव पहुंची, जहां यह घटना हुई थी।

पिछले हफ्ते, भारतीय सेना ने कहा कि नागालैंड में चार दिसंबर को नागरिकों की हत्या की घटना की जांच तेजी से चल रही है और इसे जल्द से जल्द खत्म करने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

सेना ने एक बयान में कहा था, हमने लोगों को आगे आने और मूल स्रोतों से वीडियो, फोटो या किसी अन्य सामग्री सहित कोई भी जानकारी प्रदान करके पूछताछ में हमारी सहायता करने के लिए नोटिस निकाला है और इसके लिए हम आभारी होंगे। इसे व्हाट्सएप मैसेंजर पर प्लस91-6026930283 या आर्मी एक्सचेंज हेल्पलाइन प्लस91-3742388456 पर सूचित किया जा सकता है।

भारतीय सेना ने यह भी कहा कि वे राज्य सरकार द्वारा आदेशित विशेष जांच दल की जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं और आवश्यक विवरण समय पर साझा किए जा रहे हैं।

भारतीय सेना ने कहा, नागालैंड के लोगों ने पिछले कई दशकों में शांति बनाए रखने में सुरक्षा बलों का हमेशा सहयोग और सहायता की है। हम आपके साथ भाईचारे, विश्वास और दोस्ती का गहरा बंधन साझा करते हैं। आइए हम एक उज्ज्वल और बेहतर भविष्य के लिए मिलकर काम करें।

4 दिसंबर, शनिवार को शाम लगभग 4.00-4.30 बजे, 21 पैरा स्पेशल फोर्स की एक यूनिट ने मोन जिले के तिरु गांव के पास संदिग्ध एनएससीएन (के) युंग आंग गुट कैडर पर घात लगाकर हमले की योजना बनाई थी, मगर संदिग्ध आतंकवादियों को मारने के बजाय, हमले के समय एक पिकअप ट्रक से घर लौट रहे ओटिंग गांव के आठ खनिकों (माइनर मजदूर) की मौत हो गई।

मारे गए आठ खनिकों में से छह ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हो गए थे। लापता खनिकों की तलाश करने और उनके शवों को खोज लेने के बाद ग्रामीणों ने स्थानीय सशस्त्र बलों पर गुस्से में जवाबी कार्रवाई की और आगामी गोलीबारी में एक जवान सहित सात और नागरिक मारे गए।

5 दिसंबर (रविवार) को उत्तेजित भीड़ ने कोन्याक छात्र संघ कार्यालय को जला दिया और पुलिस फायरिंग में एक और नागरिक की मौत हो गई। कुल मिलाकर, दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के परिणामस्वरूप एक जवान के अलावा 14 नागरिक मारे गए।

 

(आईएएनएस)

Created On :   29 Dec 2021 7:30 PM IST

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