सामना: शिवसेना का बड़ा बयान- घुसपैठिए मुसलमानों को भारत से बाहर फेंकना चाहिए
- देश में घुसे पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुसलमानों को हकालो- शिवसेना
- राज ठाकरे ने पार्टी का झंडा बदला
- ये मजेदार है
डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में पाकिस्तान और बांग्लादेशी घुसपैठियों पर निशाना साधा है। सामना में लिखा है कि देश में घुसे पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुसलमानों को निकालो। शिवसेना का ये बयान ऐसे समय में सामने आया है। जब महाराष्ट्र में शिवसेना को समर्थन देने वाली कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी समेत कई विपक्ष दल CAA-NRC-NPR का विरोध कर रहे है।
वहीं सामना ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे पर भी तंज कसा है। लिखा है कि घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए किसी राजनीतिक दल को अपना झंडा बदलना पड़े, ये मजेदार है। गौरतलब है कि मनसे ने अपना झंडा बदलकर भवगवा कर लिया है। राज ठाकरे के बेटे अमित भी राजनीति में सक्रिय हो गए हैं।
Today in Shiv Sena"s mouthpiece Saamana: Pakistani Bangladeshi Muslims who have entered the country should be thrown out, there is no doubt about it. pic.twitter.com/kRcCyi5Loo
— ANI (@ANI) January 25, 2020
शिवसेना ने मराठी के मुद्दे पर बहुत काम किया
सामना में लिखा है, "राज ठाकरे और उनकी पार्टी ने मराठी के मुद्दे पर पार्टी की स्थापना की, लेकिन अब उनकी पार्टी हिंदुत्ववाद की ओर जाती दिख रही है। इसे रास्ता बदलना कहना ठीक होगा। शिवसेना ने मराठी के मुद्दे पर बहुत काम किया है। इसलिए मराठियों के बीच जाने के बावजूद उनके हाथ कुछ नहीं लगा और लगने के आसार भी नहीं है। भाजपा को जैसी चाहिए वैसी ही हिंदू, बांधव, भगिनी, मातांनो आवाज राज दे रहे हैं। यहां भी इनके हाथ कुछ नहीं लगेगा। शिवसेना ने प्रखर हिंदुत्व के मुद्दे पर देशभर में जागरूकता के साथ बड़ा कार्य किया है।"
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शिवसेना ने हिंदुत्व नहीं छोड़ा
सामना में लिखा है कि शिवसेना ने हिंदुत्व का भगवा रंग कभी नहीं छोड़ा है। दो झंडे बनाने के बावजूद राज ठाकरे के झंडे को वैचारिक समर्थन मिल पाएगा, इसकी संभावना नहीं दिख रही है। शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई। इसे रंग बदलना कैसे कहा जा सकता है? इस बारे में लोगों के पेट दर्द हो रहा है। बीजेपी या दूसरे लोग महबूबा या किसी और से निकाह करते हैं तो चलता है, लेकिन यही राजनीतिक व्यवस्था कोई और करे तो इसे पाप कहा जाता है। हमने जो सरकार बनाई, ये पाप नहीं बल्कि समाजकार्य है।
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बहुरंग मेकअप को जांच लें
सामना में लिखा है, शिवसेना पर रंग बदलने का आरोप लगाने वाले पहले खुद के चेहरे पर लगे मुखौटे और चेहरे पर लगे बहुरंग मेकअप को जांच लें। बीजेपी के गिरगिट की तरह रंग बदलने के कारण शिवसेना भगवा रंग के लिए महाविकासस आघाड़ी में शामिल हुई। 14 साल में राज ठाकरे मराठी के मुद्दे पर कुछ नहीं कर पाए और अब हिंदुत्व के मुद्दे पर भाग्य आजमा पाएंगे इसे संदेह है। राज को अपने मुद्दे रखने और उसे आगे बढ़ाने का पूरा अधिकाप है, लेकिन उनकी आज की नीति और इसी मुद्दे पर 15 दिन पहले की नीति में कोई मेल नहीं दिख रहा है। उन्होंने अब कहा कि सीएए को हमारा समर्थन है और मोर्चा निकालेंगे।
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नया झंडा कंधे पर रखा लिया
संपादकीय में आगे लिखा है कि राज ठाकरे ने पहले सीएए का विरोध किया है। उनका कहना था कि आर्थिक मंदी-बेरोजगारी जैसे गंभीर मुद्दों से देश का ध्यान भटकाने के लिए अमित शाह इस कानून को ला रहे हैं। अब एक महीने के अंदर राज बदल गए है। उन्होंने सीएए कानून के समर्थन का नया झंडा कंधे पर रख लिया है। दो झंडे क्यो? वीर सावरकर और हिंदूहृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे का हिंदुत्व का मुद्दा लेकर चलना बच्चों का खेल नहीं है। फिर भी देश में कोई हिंदुत्व की बात पर अपनी घड़ी फिट कर रहा है तो हमारे पास उनका स्वागत करने की दिलदारी है।
Created On :   25 Jan 2020 9:17 AM IST