हिजाब विवाद पर शिवराज सरकार का यू टर्न, शिवराज सरकार के मंत्रियों के अलग अलग सुर

Shivraj governments U turn on Hijab controversy, Home Minister said, such proposal is not under consideration
हिजाब विवाद पर शिवराज सरकार का यू टर्न, शिवराज सरकार के मंत्रियों के अलग अलग सुर
हिजाब पर मप्र में मतभेद हिजाब विवाद पर शिवराज सरकार का यू टर्न, शिवराज सरकार के मंत्रियों के अलग अलग सुर
हाईलाइट
  • गृहमंत्री बोले हिजाब को लेकर कोई भ्रम की स्थिति नहीं
  • मप्र में हिजाब को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं

डिजिटल डेस्क, भोपाल। कर्नाटक में हिजाब विवाद के बाद मध्यप्रदेश में भी उस वक्त हलचल मच गई थी। जब सूबे के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बीते मंगलवार को एक बयान दिया था कि प्रदेश में हिजाब पूरी तरह से बैन किया जाएगा। इस बयान ने खूब सुर्खियां बटोरी थी। शिक्षा मंत्री ने कहा था कि सरकार अनुशासन को प्राथमिकता देगी। सभी स्कूल में ड्रेस कोड लागू किया जाएगा, स्कूल शिक्षा विभाग इस पर काम कर रहा है। 

हालांकि राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में बुधवार को स्पष्ट कर दिया कि ऐसा कोई भी प्रस्ताव मध्य प्रदेश सरकार के पास विचाराधीन नहीं है, इसलिए कोई भ्रम की स्थिति नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां पर हिजाब को लेकर विवाद चल रहा है, वहां पर भी मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। हालांकि अभी भी हिजाब बैन पर मध्यप्रदेश में अलग-अलग तरह की खबरें आ रही है।

हिजाब के समर्थन में फुटबाल खेलती लड़कियां

एक तरफ जहां हिजाब को लेकर हंगामा हो रहा है तो वहीं  दूसरी तरफ हिजाब के समर्थन में मुस्लिम लड़कियां फुटबाल खेलती दिख रही है।  बता दें कि लाइव अदालत ट्विटर हैंड से वीडियो को ट्वीट किया गया है। जिसमें लिखा गया है कि यह काबुल नहीं बल्कि भारत है, मध्य प्रदेश के एक कॉलेज में हिजाब के समर्थन में, फुटबॉल खेल रही मुस्लिम लड़कियां। यह वीडियो उस वक्त सामने आया जब सूबे के गृहमंत्री खुद हिजाब पर किसी तरह के प्रस्ताव विचाराधीन न होने की बात कह चुके हैं।

 कर्नाटक में ऐसे शुरू हुआ था विवाद

हिजाब को लेकर विवाद उड्डपी के एक कॉलेज से शुरू हुआ था। जहां जनवरी में हिजाब पर बैन लगा दिया था। तथा उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में हिजाब पहनकर पहुंचीं 6 छात्राओं को अंदर जाने से रोक दिया गया था। इसके बाद से यह मामला तूल पकड़ा हुआ है। मामला यहीं तक नहीं रूका और बाद में उड्डपी के ही भंडारकर कॉलेज में भी ऐसा ही किया गया। अब यह बैन शिवमोगा जिले के भद्रवती कॉलेज से लेकर तमाम कॉलेज तक फैल गया है। हिजाब का मामला अब यहीं तक नहीं रूका और हाईकोर्ट में चला गया। रेशम फारूक नाम की एक छात्रा ने कर्नाटक हाईकोर्ट याचिका दायर की है। इसमें कहा गया कि हिजाब पहनने की अनुमति न देना संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत मौलिक अधिकारों का हनन है। 

 कर्नाटक सरकार ने जारी किया है सर्कुलर

कर्नाटक की बसवराज बोम्मई सरकार ने बीते शनिवार को प्रदेशभर के शैक्षणिक संस्थानों में शांति, सद्भाव और कानून व्यवस्था को बिगाड़ने वाले कपड़ों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर एक सर्कुलर जारी किया था। बीसी नागेश ने बताया कि इसमें साफ कहा गया है कि स्कूल कैम्पस में हिजाब पहनकर आने की परमिशन नहीं होगी। 


 

Created On :   9 Feb 2022 4:09 PM IST

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