Maharashtra Election: भाजपा 150 और शिवसेना 124 सीटों पर लड़ेगी चुनाव
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और शिवसेना ने शुक्रवार को गठबंधन का औपचारिक ऐलान कर दिया है। सीएम देवेन्द्र फड़णवीस और उद्धव ठाकरे ने सीट शेयरिंग फॉर्म्युले का भी ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र में इस विधानसभा चुनाव में भाजपा, शिवसेना, रिपाई, रसपा, शिवसंग्राम और रायत क्रांति पार्टी के बीच गठबंधन हुआ है। चुनाव के लिए बीजेपी 150, शिवसेना 124 और सहयोगी दलों के लिए 14 सीटों का निर्धारण हुआ है।
दोनों नेताओं ने मीडिया के जरिए बागियों को भी सख्त संदेश दिया साथ ही बहुमत से सत्ता में वापसी का विश्वास जताया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने विचारधारा की समानता पर जोर देते हुए कहा कि हिंदुत्व का धागा दोनों पार्टियों को एकजुट करता है। महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को मतदान होगा और 24 अक्टूबर को परिणामों की घोषणा की जाएगी। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म होगा।
हम पूर्ण बहुमत से जीतेंगे: फड़णवीस
सीएम देवेंद्र फड़णवीस ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्पफ्रेंस में कहा कि भाजपा और शिवसेना दोनों पार्टियां साथ में चुनाव मैदान में हैं। हम आगे भी साथ में ही चुनाव लड़ेंगे। हमें जनता का सहयोग बिल्कुल लोकसभा की तरह ही मिलेगा। हमने सभी वर्ग के लोगों को मौका दिया है। यह चुनाव हम विकास के मुद्दे पर लड़ेंगे और भारी बहुमत से जीतेंगे। महाराष्ट्र का विकास ही हमारा लक्ष्य है। सीएम ने कहा कि मुझे भरोसा है कि आदित्य ठाकरे सबसे बड़ी जीत हासिल करेंगे। आने वाले दिनों में हम बागी प्रत्याशियों से कहेंगे कि वह अपना नामांकन वापस ले लें। अगर वह नाम वापस नहीं लेंगे तो फिर उन्हें हमारे गठबंधन में कोई पोजिशन नहीं मिलेगी।
भाजपा-शिवसेना भाई-भाई: ठाकरे
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने खुद ही समानता पर जोर देते हुए कहा कि पहले तो गठबंधन पर ही सवाल थे। भाजपा और शिवसेना भाई-भाई हैं। इसमें बड़े और छोटे भाई जैसा कुछ भी नहीं है। हमें मिलकर महाराष्ट्र के विकास और बेहतरी के लिए काम करना है। उद्वव ठाकरे ने आदित्य ठाकरे के लिए सीएम पद की मांग पर कहा कि राजनीति में पहले कदम का मतलब यह नहीं है कि आप मुख्यमंत्री बन जाए। वह अभी-अभी राजनीति में आए हैं। यह अभी उनकी शुरुआत है।
बालासाहब ठाकरे और प्रमोद महाजन ने बनाया था गठबंध
1989 में महाराष्ट्र में कांग्रेस का राज खत्म करने के लिए दिवंगत भाजपा नेता प्रमोद महाजन और शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे ने मिलकर भाजपा-शिवसेना के गठबंधन की नींव रखी थी। इस गठबंधन को सन 1995 में पहली बार महाराष्ट्र की सत्ता मिली थी, जो ज्यादा समय तक नहीं टिक पाई, लेकिन दोनों दलों की दोस्ती तकरीबन 25 साल तक चली और बाला साहब के निधन के दो साल बाद सितंबर 2014 में दोनों पार्टियों का गठबंधन पहली बार टूटा।
बागियों को सख्त लहजे में चेतावनी
इस दौरान सीएम फड़णवीस ने बागियों को सख्त लहजे में चेतावनी दी। उन्होंने दो टूक संदेश देते हुए कहा कि कई लोगों को लग रहा था कि गठबंधन होगा या नहीं। इस गठबंधन के लिए सबने समझौता किया है। आने वाले दिनों में सभी बागी प्रत्याशियों से अपना नाम वापस लेने को कहेंगे। अगर वे नहीं मानते हैं तो उन्हें गठबंधन की किसी भी पार्टी में कोई स्थान नहीं मिलेगा। हालांकि हम 2 दिन में ज्यादातर नाराज बागियों को मना लेंगे।
Created On :   4 Oct 2019 10:08 PM IST