हमारी अपेक्षा के अनुरूप नहींं हो रही जांच SC, हाईकोर्ट पूर्व जज की नियुक्ति का दिया सुझाव
- लखीमपुर हिंसा केस में पेश स्टेटस रिपोर्ट पर SC नाराज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई हुई। सीजेआई की अध्यक्षता में सुनवाई कर रही पीठ ने यूपी सरकार द्वारा पेश की गई स्टेटस रिपोर्ट पर नाराजगी जाहिर करते हुए प्रदेश सरकार की क़ड़ी फटकार लगाई। शीर्ष कोर्ट ने डाट लगाते हुए कहा है कि हमने 10 दिन का समय दिया था। इसके बाद भी स्टेटस रिपोर्ट में कुछ भी नहीं हुआ। कहने के लिए केवल गवाहों से पूछताछ की गई ।
जांच से सुप्रीम कोर्ट नाराज
सुप्रीम कोर्ट के तीखे सवालों से अंदाज लगाया जा सकता है राज्य सरकार कि लखीमपुर खीरी हिंसा की धीमी जांच औऱ लेटलतीफी को लेकर शीर्ष कोर्ट नाराज है। सुनवाई कर रही पीठ ने कहा हमारी अपेक्षा के अनुरूप जांच नहीं की जा रही है। शीर्ष कोर्ट ने सुझाव दिया कि पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के पूर्व जजों की निगरानी में कराई जाए। इसके लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज रंजीत सिंह और राकेश कुमार जैन की नियुक्ति की जा सकती है
13 में से केवल एक आरोपी का फोन जब्त SC
शीर्ष कोर्ट ने कहा कि हिंसा के मामले में 13 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। लेकिन फोन केवल आशीष मिश्रा का जब्त किया गया है, ऐसा क्यों?। इस पर जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से खड़े हुए वकील हरीश साल्वे ने कहा कि अन्य आरोपियों ने बताया कि वह फोन नहीं रखते हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि आपने स्टेटस रिपोर्ट में यह कहां लिखा है।उच्चतम न्यायालय ने लखीमपुर मामले में लैब रिपोर्ट पेश न करने पर नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार से सवाल किया है। इस पर वकील ने कहा कि लैब की रिपोर्ट 15 नंवबर को आएगी, जिसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई शुक्रवार को करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा है कि प्रदेश सरकार शुक्रवार तक अपना रुख साफ करे।
Created On :   8 Nov 2021 1:57 PM IST