टेरर फंडिंग से जुड़े रेलवे ई-टिकटिंग रैकेट के तार , एक ही आदमी के बैंकों में 3000 खाते
- झारखंड के रहने वाले गुलाम मुस्तफा हुआ है अरेस्ट
- टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग का शक
- रैकेट का पाकिस्तान
- बांग्लादेश और दुबई से जुड़े हैं तार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने मंगलवार को ई-टिकटिंग रैकेट का खुलासा किया है। रेलवे सुरक्षा बल के डीजी अरुण कुमार ने बताया कि इस रैकेट के लिंक दुबई, पाकिस्तान और बांग्लादेश से जुड़े हुए हैं और इसके पीछे टेरर फंडिंग का शक है। रैकेट का सरगना दुबई में है। जांच के दौरान चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। मामले में गिरफ्तार एक ही शख्स के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के 2,400 ब्रांचों में और 600 ग्रामीण बैंकों में अकाउंट मिले हैं।
Railway Protection Force (RPF) DG: We"re a step ahead in operation against e-ticketing racket. We"ve unearthed an oragnised gang. Its kingpin is probably sitting in Dubai. We"re investigating the members of the gang, the manner in which the money is going to bankssome companies. pic.twitter.com/E5SHHBrBtz
— ANI (@ANI) January 21, 2020
आरपीएफ डीजी अरुण कुमार ने बताया कि हाल ही के दिनों में आरपीएफ ने रेलवे में अवैध टिकटों पर कार्रवाई करते हुए झारखंड के एक शख्स को उड़ीसा के भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया था। आरपीएफ को शक है कि वह टेरर फंडिंग में शामिल है। गिरफ्तार किए गए शख्स का नाम गुलाम मुस्तफा है। वह मदरसे में पढ़ा हुआ है और सॉफ्टवेयर डेवलपिंग का काम करता है।
दुबई, पाकिस्तान और बांग्लादेश में टेरर फंडिंग से जुड़े हैं लिंक
आरपीएफ डीजी अरुण कुमार ने बताया कि इनके लिंक दुबई, पाकिस्तान और बांग्लादेश में टेरर फंडिंग से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि हम रेलवे ई-टिकटिंग रैकेट के खिलाफ कार्रवाई में एक कदम आगे बढ़े हैं। हमने एक गिरोह का पता लगाया है। हम गिरोह के सदस्यों की जांच कर रहे हैं। हम पता लगा रहे हैं कि किस तरह से बैंकों और कुछ कंपनियों के पास पैसा जा रहा है।
आरोपी से आईबी, ईडी और एनआईए कर चुके हैं पूछताछ
डीजी अरुण कुमार ने कहा कि मुस्तफा के पास से आईआरसीटीसी की 563 आईडी कार्ड मिले हैं। इसके अलावा एसबीआई की 2,400 शाखाओं और 600 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में खाते होने का संदेह है। ई-टिकट गिरोह मामले में गिरफ्तार गुलाम मुस्तफा से पिछले 10 दिनों में आईबी, स्पेशल ब्यूरो, ईडी, एनआईए, कर्नाटक पुलिस ने पूछताछ की है।
गोंडा के स्कूल में बम ब्लास्ट में शामिल था रैकेट का मास्टरमाइंड
डीजी अरुण कुमार ने सॉफ्टवेयर डेवलेपर हामिद अशरफ रैकेट का मास्टर माइंड बताया है। अशरफ 2019 में गोंडा के स्कूल में हुए बम ब्लास्ट में शामिल था। शक है कि वह दुबई में है और काले कारोबार से हर महीने 10 से 15 करोड़ रुपए कमाता है।
Created On :   21 Jan 2020 2:06 PM GMT