बांग्लादेशी जिहादियों के जरिए पूर्वोत्तर राज्यों में घुसपैठ की कोशिश कर रहा एक्यूआईएस
- आतंकी तत्वों की जल्द से जल्द पहचान करने और उन्हें खत्म करने की जरूरत है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। खुफिया एजेंसियों ने बांग्लादेशी जिहादियों के जरिए असम और पड़ोसी राज्यों में भारतीय उपमहाद्वीप (एक्यूआईएस) में आतंकी समूह अल कायदा के मॉड्यूल की मौजूदगी को हरी झंडी दिखाई है।
सूत्रों के अनुसार, खुफिया इनपुट के हवाले से एक्यूआईएस बांग्लादेश में कुछ आतंकी समूहों की मदद से पूर्वोत्तर राज्यों में खुद को मजबूती से स्थापित करने की कोशिश कर रहा है और इसे राज्यों की पुलिस से जांच कराने की जरूरत है।
इनपुट्स ने एक विशेष धार्मिक समूह का हवाला दिया जो बांग्लादेशी नागरिकों को बांग्लादेश सीमा पर राज्यों से होकर भारत में घुसने में मदद करने में सक्रिय रूप से शामिल है।
सुरक्षा व्यवस्था के सूत्रों ने कहा कि केंद्र ने पूर्वोत्तर राज्यों के साथ खुफिया जानकारी साझा की है और उनसे ऐसे तत्वों की पहचान तेज करने को कहा है।
सुरक्षा व्यवस्था के अधिकारियों ने कहा कि अल कायदा के संस्थापक अयमान अल-जवाहिरी और इस्लामिक स्टेट ऑफ सीरिया एंड इराक (आईएआईएस) के समर्थन के बावजूद एक्यूआईएस कुछ कश्मीरियों को छोड़कर भारत में खुद को स्थापित नहीं कर सका। यह 2016-17 में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान अपने बैनर लगाने तक सीमित था।
अधिकारियों ने कहा कि इन आतंकी तत्वों की जल्द से जल्द पहचान करने और उन्हें खत्म करने की जरूरत है।
असम पुलिस द्वारा हाल ही में की गई गिरफ्तारी में एक बांग्लादेशी नागरिक सहित पांच लोग शामिल थे, जो एक्यूआईएस से संबद्ध एक महत्वपूर्ण बांग्लादेशी जिहादी संगठन से जुड़ा हुआ है।
सूत्रों ने खुलासा किया कि गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिक ने बांग्लादेश में आतंकी संगठनों के साथ अपने संबंधों का खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया और असम में बारपेटा जिले के हौली पुलिस थाने के तहत ढकलियापारा मस्जिद में एक शिक्षक के रूप में काम किया।
रविवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम में कई जिहादी आतंकी मॉड्यूल सक्रिय हैं और राज्य पुलिस उनका भंडाफोड़ करने के लिए काम कर रही है।
शेख हसीना के नेतृत्व वाली बांग्लादेश सरकार की सख्त आतंकवाद विरोधी नीति के कारण स्थानीय आतंकी संगठनों के समर्थन के बावजूद एक्यूआईएस वहां खुद को स्थापित नहीं कर सका।
(आईएएनएस)
Created On :   8 March 2022 10:30 PM IST