Farmers Protest: पुलिस के एक्शन से पहले रोने लगे राकेश टिकैत, बोले- कृषि कानून वापस नहीं लिए गए तो, मैं आत्महत्या कर लूंगा

Rakesh Tikait became emotional and started crying in front of media
Farmers Protest: पुलिस के एक्शन से पहले रोने लगे राकेश टिकैत, बोले- कृषि कानून वापस नहीं लिए गए तो, मैं आत्महत्या कर लूंगा
Farmers Protest: पुलिस के एक्शन से पहले रोने लगे राकेश टिकैत, बोले- कृषि कानून वापस नहीं लिए गए तो, मैं आत्महत्या कर लूंगा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ करीब 2 महीनों से जारी किसानों का आंदोलन हिंसा के बाद बिखर गया है। योगी सरकार के गाजीपुर बॉर्डर से प्रदर्नकारी किसानों को हटाने के निर्देशों के बाद पुलिस आंदोलनकारियों से सख्ती से निपट रही है। गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने धारा 144 लगा दी है। ऐसे में किसान नेता राकेश टिकैत भावुक हो गए और मीडिया के सामने रोने लगे। टिकैत ने कहा- कृषि कानून वापस नहीं लिए गए तो, मैं आत्महत्या कर लूंगा। देश के किसान के साथ अत्याचार हो रहा है।

गाजीपुर बॉर्डर पर प्रशासन ने सभी सुविधाएं हटा दी है। बिजली और पानी की सुविधा बंद कर दी गई है। ऐसे में राकेश टिकैत ने कहा कि मैं गाजियाबाद का पानी नहीं पीऊंगा। गांव के लोग पानी लेकर आएंगे तब मैं पीऊंगा।

इससे पहले राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वो सरेंडर नहीं करेंगे और धरना जारी रहेगा। टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस धरने पर गिरफ्तारी का प्रयास कर रहा है। उत्तर प्रदेश गाजीपुर बॉर्डर पर कोई हिंसा नहीं हुई है, इसके बावजूद सरकार दमनकारी नीति अपना रही है। यह उत्तर प्रदेश सरकार का चेहरा है। राकेश टिकैत ने कहा कि लाल किले पर कौन लोग थे, सुप्रीम कोर्ट के जज उसकी जांच करें। राकेश टिकैत ने कहा कि दीप सिद्धू कौन है, उसका किसके साथ कनेक्शन है? तिरंगे का अपमान कोई भी बर्दाश्त नहीं करेगा। 

बता दें कि पिछले 26 नवंबर से किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली एनसीआर के बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। किसान और सरकार के बीच अब तक 11 दौर की वार्ता हुई, लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकल पाया। किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वो वापस नहीं जाएंगे। ऐसे में किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाली जिसमें जमकर हिंसा देखने को मिली।

तय रूट का पालन न करते हुए किसान रैली में मौजूद प्रदर्शनकारी हाथ में लाठी-डंडा लेकर दिल्ली में दाखिल हुए थे। इस दौरान कुछ लोग लाल किले की प्राचीर पर भी चढ़ गए और उन्होंने वहां अपना झंडा फहराया। इसके अलावा उन्होंने सार्वजनिक संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचाया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच भी हिंसक झड़पें हुईं जिनमें 300 के करीब पुलिस वाले भी घायल हो गए। इसके अलावा इस हिंसा में एक किसान की भी मौत हो गई थी।

Created On :   28 Jan 2021 7:46 PM IST

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