नलिनी, रविचंद्रन की रिहाई संबंधी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
- पेरारिवलन फिलहाल जमानत पर है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों एस. नलिनी और आर.पी. रविचंद्रन की याचिकाओं पर तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया। इसी मामले में दोषी ए.जी. पेरारिवलन की रिहाई का हवाला देते हुए दोनों दोषियों ने जेल से अपनी रिहाई की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और बी.वी. नागरत्ना ने याचिकाओं पर तमिलनाडु और केंद्र सरकार से जवाब मांगा।
नलिनी और रविचंद्रन ने पेरारिवलन की रिहाई का हवाला देते हुए मद्रास उच्च न्यायालय का रुख किया था, हालांकि उच्च न्यायालय ने जेल से रिहाई की मांग करने वाली उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। वे उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने के लिए शीर्ष अदालत चले गए। उच्च न्यायालय ने कहा था कि वह एक जैसा आदेश पारित करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत शक्तियों का उपयोग नहीं कर सकता, जिसे शीर्ष अदालत ने एक अन्य आरोपी ए.जी. पेरारिवलन को रिहा करने के लिए पारित किया था।
उच्च न्यायालय ने जून में पारित एक आदेश में कहा, याचिकाकर्ता द्वारा मांगे गए निर्देश अदालत नहीं दे सकती, क्योंकि उसके पास भारत के संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत शीर्ष अदालत जैसी शक्ति नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत पूर्ण न्याय करने के लिए अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल किया, क्योंकि इसने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में उम्रकैद की सजा पाए ए.जी. पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था।
पेरारिवलन फिलहाल जमानत पर है। उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया और आतंकवाद का आरोप वापस ले लिया गया। शीर्ष अदालत ने पेरारिवलन की लंबी अवधि की कैद में और पैरोल के दौरान उसके संतोषजनक आचरण, उनके मेडिकल रिकॉर्ड से पुरानी बीमारियों, कैद के दौरान हासिल की गई शैक्षणिक योग्यता और अनुच्छेद 161 के तहत उसकी याचिका के लंबित रहने को ध्यान में रखा।
(आईएएनएस)
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Created On :   26 Sept 2022 9:30 AM GMT