सीएम चन्नी के भतीजे को 8 फरवरी तक ईडी की हिरासत में भेजा गया

Punjab CM Channis nephew sent to ED custody till February 8
सीएम चन्नी के भतीजे को 8 फरवरी तक ईडी की हिरासत में भेजा गया
पंजाब सीएम चन्नी के भतीजे को 8 फरवरी तक ईडी की हिरासत में भेजा गया
हाईलाइट
  • हनी पर पंजाब में अवैध खनन का आरोप है और उनके खिलाफ जांच चल रही है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली/चंडीगढ़। पंजाब के जालंधर शहर की एक अदालत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आठ फरवरी तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया।

हनी पर पंजाब में अवैध खनन का आरोप है और उनके खिलाफ जांच चल रही है।

ईडी ने गुरुवार की देर रात आठ घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें पूछताछ के लिए दूसरी बार बुलाया गया था।

हनी को पहले ईडी ने 23 जनवरी को जांच में शामिल होने के लिए तलब किया था, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य के मुद्दों पर पहले समन को दरिकनार कर दिया था और जांच में शामिल नहीं हुए थे।

उन्होंने ईडी अधिकारियों को सूचित किया था कि वह कोविड-19 पॉजिटिव हैं और जांच में शामिल होने में असमर्थ हैं।

ईडी ने 18 जनवरी को हनी के आवास होमलैंड हाइट्स समेत 10 जगहों पर छापेमारी की थी।

ईडी ने दो दिनों तक अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।

हनी को जालंधर में ईडी के जोनल ऑफिस में पेश होने के लिए कहा गया था। उन्हें चल रही जांच के सिलसिले में अपना बयान दर्ज कराना था।

ईडी अधिकारियों ने हनी के बिजनेस पार्टनर कुदरत दीप सिंह का भी बयान दर्ज किया है।

ईडी के अधिकारी ने इससे पहले कहा था कि उन्होंने छापेमारी के दौरान अवैध बालू खनन, संपत्ति के लेन-देन, सेल फोन, 21 लाख रुपये से अधिक का सोना और 12 लाख रुपये की घड़ी और 10 करोड़ रुपये नकद से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए हैं।

एक सूत्र ने बताया कि उनके द्वारा बरामद दस्तावेजों से इस बात की पुष्टि हुई है कि कुदरत दीप सिंह दो फर्म चला रहे थे और भूपिंदर सिंह हनी उनमें संयुक्त निदेशक थे।

सूत्रों के अनुसार, फर्म मूल रूप से शेल कंपनियां हैं, लेकिन ईडी ने बहुत सारे पैसे के लेनदेन का पता लगाया है। फर्मों में से एक प्रदाता ओवरसीज कंसल्टेंसी लिमिटेड है, जिसे 2018 में 33.33 प्रतिशत समान शेयरों के साथ शामिल किया गया था।

ईडी का यह मामला दो साल पुरानी पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के आधार पर है। पंजाब पुलिस ने 7 मार्च 2018 को 10 से अधिक आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

ईडी ने पिछले साल नवंबर में पंजाब में अवैध बालू खनन से जुड़ी इस प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी।

प्राथमिकी की एक कॉपी आईएएनएस के पास भी है, जो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत दर्ज की गई है।

पंजाब पुलिस की प्राथमिकी में भूपिंदर सिंह हनी का नाम नहीं था और मामले में कुदरत दीप सिंह को क्लीन चिट दे दी गई थी।

ईडी ने पाया कि मामले में शामिल आरोपियों द्वारा पैसे की हेराफेरी की जा रही थी, जिसके बाद एजेंसी के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी।

(आईएएनएस)

Created On :   4 Feb 2022 8:00 PM IST

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