राज्यसभा में क्षेत्रीय भाषाओं के ज्यादा उपयोग से प्रधानमंत्री मोदी खुश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यसभा में क्षेत्रीय भारतीय भाषाओं के बढ़ते उपयोग पर खुशी जताई है। इसके लिए उन्होंने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू की सराहना की है। मोदी ने इस बात पर संतोष जताया है कि राज्यसभा के गठन के 67 वर्ष बाद पिछले शीतकालीन सत्र में सदन में पहली बार संथाली भाषा का भी इस्तेमाल हुआ है।
बीजद सांसद हेम्ब्रम ने संथाली में रखी अपनी बात
गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती की तैयारियों के लिए गठित राष्ट्रीय समिति की दूसरी बैठक में बोलते हुए मोदी ने उच्च सदन में भारतीय भाषााओं के बढ़ते प्रयोग पर खुशी जताई।
सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री ने इस मौके पर भारतीय संस्कृति और भाषाओं को बढ़ावा देने को लेकर महात्मा गांधी की चिंता को स्मरण किया और कहा कि इस दिशा में सभापति नायडू की पहल काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं के प्रति नायडू की प्रतिबद्धता का ही असर रहा कि राज्यसभा के 250वें सत्र के दौरान ज्यादा-से-ज्यादा माननीय सांसदों ने अपनी मातृभाषा में बात रखी।
जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर विशेष रूप से बीजद सांसद सरोजिनी हेम्ब्रम का नाम लिया, जिन्होने सदन में पहली बार संथाली में बोला। बता दें कि वेंकैया नायडू संसदीय समितियों की बैठकों में भी हिंदी और दूसरी क्षेत्रीय भाषााओं के उपयोग पर जोर देते रहे हैं।
Created On :   20 Dec 2019 1:28 AM IST